टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग.
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने फिरोजशाह कोटला के गेट नंबर-2 का नामकरण उनके नाम पर किए जाने को सकारात्मक कदम बताया. उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली में भविष्य में अन्य खिलाड़ियों के नाम पर भी स्टैंड का नामकरण किया जाएगा.
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सहवाग दिल्ली के पहले क्रिकेटर हैं जिनके नाम पर कोटला के किसी गेट का नामकरण किया गया है. अब गेट नंबर दो उनके नाम से जाना जाएगा. सहवाग ने अपने कई पूर्व साथियों की मौजूदगी में स्वयं इस गेट का उद्घाटन किया. सहवाग ने कहा, मुझे बड़ी खुशी है कि दिल्ली में एक अच्छी शुरुआत हुई है और मेरे नाम से गेट का नाम रखा गया है. हो सकता है कि आने वाले समय में अन्य खिलाड़ियों के नाम से अन्य स्टैंड, गेट और यहां तक कि ड्रेसिंग रूम के भी नाम रखे जाएं. डीडीसीए का यह सकारात्मक कदम है.
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उन्होंने कहा, मैंने आग्रह किया था कि यह समारोह (श्रीलंका के खिलाफ होने वाले) टेस्ट मैच से पहले आयोजित किया जाए, लेकिन तब कोई और समारोह होना है. इसलिए आपको आगे भी ऐसे समारोह देखने को मिलेंगे. सहवाग ने घरेलू क्रिकेट में अपना अधिकतर समय दिल्ली के साथ बिताया था, लेकिन उन्हें अफसोस है कि वह कभी रणजी ट्रॉफी चैंपियन टीम का हिस्सा नहीं बन पाए. दिल्ली जब 2007-08 में रणजी चैंपियन बनी तब सहवाग भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे.
VIDEO: मैदान पर की बदसलूकी तो पड़ेगा महंगा
सहवाग ने कहा कि कोटला में गुजरात के खिलाफ अंडर-19 का मैच जीतना इस मैदान पर उनका सर्वश्रेष्ठ यादगार पल था. उन्होंने कहा, मुझे अंडर-19 का एक मैच याद है जो गुजरात के खिलाफ खेला था. उस मैच में आशीष नेहरा ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की थी. मैं उस मैच में 50-60 रन ही बना पाया था, लेकिन हम तब पहली बार नॉकआउट में पहुंचे थे और वह मेरे लिए यादगार क्षण था.
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सहवाग दिल्ली के पहले क्रिकेटर हैं जिनके नाम पर कोटला के किसी गेट का नामकरण किया गया है. अब गेट नंबर दो उनके नाम से जाना जाएगा. सहवाग ने अपने कई पूर्व साथियों की मौजूदगी में स्वयं इस गेट का उद्घाटन किया. सहवाग ने कहा, मुझे बड़ी खुशी है कि दिल्ली में एक अच्छी शुरुआत हुई है और मेरे नाम से गेट का नाम रखा गया है. हो सकता है कि आने वाले समय में अन्य खिलाड़ियों के नाम से अन्य स्टैंड, गेट और यहां तक कि ड्रेसिंग रूम के भी नाम रखे जाएं. डीडीसीए का यह सकारात्मक कदम है.
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उन्होंने कहा, मैंने आग्रह किया था कि यह समारोह (श्रीलंका के खिलाफ होने वाले) टेस्ट मैच से पहले आयोजित किया जाए, लेकिन तब कोई और समारोह होना है. इसलिए आपको आगे भी ऐसे समारोह देखने को मिलेंगे. सहवाग ने घरेलू क्रिकेट में अपना अधिकतर समय दिल्ली के साथ बिताया था, लेकिन उन्हें अफसोस है कि वह कभी रणजी ट्रॉफी चैंपियन टीम का हिस्सा नहीं बन पाए. दिल्ली जब 2007-08 में रणजी चैंपियन बनी तब सहवाग भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे.
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सहवाग ने कहा कि कोटला में गुजरात के खिलाफ अंडर-19 का मैच जीतना इस मैदान पर उनका सर्वश्रेष्ठ यादगार पल था. उन्होंने कहा, मुझे अंडर-19 का एक मैच याद है जो गुजरात के खिलाफ खेला था. उस मैच में आशीष नेहरा ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की थी. मैं उस मैच में 50-60 रन ही बना पाया था, लेकिन हम तब पहली बार नॉकआउट में पहुंचे थे और वह मेरे लिए यादगार क्षण था.
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