यह ख़बर 28 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

उन्होंने मुझे 'बिगड़ैल लड़का' कहा, इससे मुझे फायदा हुआ : विराट कोहली

मेलबर्न:

मैदान पर विरोधी खिलाड़ियों के साथ भिड़ने से कभी नहीं चूकने वाले भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने रविवार को कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने उन्हें 'बिगड़ैल लड़का' कहा, जिससे वह तीसरे टेस्ट मैच में अपने करियर की अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने के लिए प्रेरित हुए।

कोहली ने 169 रन बनाए, जिससे भारत तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक आठ विकेट पर 462 रन बनाने में सफल रहा।

उन्होंने दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा, पूरे दिन भर ऐसा चलता रहा। वे मुझे बिगड़ैल लड़का कहते रहे और मैंने कहा कि मैं ऐसा हो सकता हूं। तुम मुझसे घृणा करो और मुझे यह पसंद है। मुझे मैदान पर बात करने से परहेज नहीं है और मुझे लगता है कि इससे मुझे फायदा होता है।

कोहली ने कहा, मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है, क्योंकि उनके लिए चुप रहना बहुत मुश्किल होता है और मुझे मैदान पर बहस करने से परहेज नहीं है। इससे वास्तव में मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित हुआ, इसलिए लगता है कि उन्हें सबक नहीं मिला है।

दिन की सबसे नाटकीय घटना कोहली की जॉनसन के साथ शाब्दिक जंग रही। यह घटना तब घटी, जब जॉनसन ने रन आउट करने के प्रयास में कोहली पर गेंद मार दी थी। कोहली ने जॉनसन के बारे में कहा, ब्रिस्बेन में वह बिना दबाव के बल्लेबाजी कर रहा था, क्योंकि यह उसका काम नहीं है। उसका काम विकेट लेना है और उसने आज प्रति ओवर 4.7 रन दिए। वह विकेट हासिल नहीं कर पा रहा था और मैं उसको निशाना बनाता रहा। भले ही इस बीच मैं उससे बात कर रहा था।

अंजिक्य रहाणे (147) के साथ चौथे विकेट के लिए 262 रन जोड़ने वाले कोहली ने कहा, उन्हें बोलने का हक है। वह सीरीज में अभी 2-0 से आगे हैं। यदि यह 1-1 से बराबर होती, तो अधिक दिलचस्प होती और उनकी तरफ से इसी तरह के शब्दबाण छोड़े जाते। जब आप बेहतर स्थिति में होते, तो आप जो चाहो कह सकते हैं।

उन्होंने कहा, जब आप बैकफुट पर होते हैं, तो ऐसा नहीं होता। जब हम भारत में (2012-13) खेल रहे थे, तब वे ज्यादा नहीं बोलते थे। हम भले ही 2-0 से पीछे हैं, लेकिन अब भी हमने उन्हें चुनौती दी। हमने उन्हें दिखाया कि हम बल्ले से क्या कर सकते हैं। यह भारतीय क्रिकेट टीम का जज्बा है।

कोहली से पूछा गया कि क्या वह ऑस्ट्रेलियाई टीम का सम्मान करते हैं, उन्होंने कहा, मेरी उनमें से कुछ के साथ बहुत अच्छी दोस्ती है। मैं उनमें से कुछ का सम्मान करता हूं, लेकिन जो मेरा सम्मान नहीं करता, मैं उसका सम्मान क्यों करूं।

उन्होंने कहा, एडिलेड में भी उन्होंने ताने कसे। वहां उन्होंने कहा कि मेरा सम्मान करने की जरूरत नहीं है। मैंने कहा कि इसकी जरूरत भी नहीं है। मैं यहां क्रिकेट खेलने के लिए आया हूं, किसी का सम्मान हासिल करने के लिए नहीं। जब तक मैं रन बना रहा हूं, मैं इससे खुश हूं।


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