Dismissing all eleven batters in a match in Tests: एक टेस्ट में दोनों पारियों को मिलाकर विरोधी टीम के सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करने का कमाल टेस्ट क्रिकेट में अबतक केवल 6 गेंदबाजों ने ही अंजाम दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा अनोखा कारनामा क्रिकेट में हमेशा नहीं हो पाता है. इसके लिए खिलाड़ियों को किस्मत का राजा बनना पड़ता है. एक टेस्ट में विरोधी टीम को सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करना अपने-आप में एक अनोखा कमाल है. ऐसे में जानते हैं उन गेंदबाजों के बारे में जिन्होंने एक टेस्ट में विरोधी टीम के सभी 11 बैटरों को पवेलियन की राह दिखाने का कमाल किया है.
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जिम लेकर (Jim Laker)
सबसे पहले ऐसा कारनामा टेस्ट में इंग्लैंड के स्पिनर जिम लेकर (Jim Laker)ने किया था. साल 1956 में मेनचेस्टर टेस्ट मैच के दौरान लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में उनके सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करने में सफलता हासिल की थी. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान लेकर ने 9 बल्लेबाज कोलिन मैकडोनल्ड, नील हार्वे, इयान क्रेग, कीथ मिलर, केन मैकॉय, रॉन ऑर्चर, रिची बेनो, लेन मैडॉक और इयान जॉनसन को आउट किया था तो वहीं दूसरी पारी में जिम बुर्के और रे लिंडवाल सहित सभी 10 विकेट चटकाए थे. इस टेस्ट में जिम लेकर कुल 19 विकेट अपने नाम करने में सफलता हासिल की थी. जिम लेकर विश्व क्रिकेट के पहले ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने टेस्ट की एक पारी में विरोधी टीम के 10 विकेट हासिल किए थे.
एस. वेंकटराघवन (Srinivas Venkataraghavan)
भारत के एस. वेंकटराघवन ने साल 1965 में दिल्ली टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में कुल 12 विकेट चटकाए थे. एस. वेंकटराघवन ने न्यूजीलैंड के सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करने में सफलता हासिल की थी. वेंकटराघवन ने पहली पारी में कीवी टीम के 8 बल्लेबाज ग्राहम डाउलिंग, टैरी जार्विस, रॉस मोर्गन, बीवन कॉंगडोन, बेर्ट सटक्लिफ, विक पोलार्ड, जॉन बार्ड और फ्रेंक कैमरॉन को आउट किया था. इसके बाद दूसरी पारी में 4 कीवी बल्लेबाज जिनमें जॉन रीड, ब्रूस टेलर और रिचर्ड कॉलिंगे के विकेट भी शामिल थे.
ज्योफ डायमॉक (Geoff Dymock)
ऑस्ट्रेलिया के ज्योफ डायमॉक ने साल 1979 में कानपुर टेस्ट में भारत के खिलाफ 12 विकेट हासिल किए थे. इस टेस्ट में ज्योफ भारत के सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करने में सफल रहे हुए थे. ज्योफ ने पहली पारी में सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, करसन घावरी, शिवलाल यादव और वेंकटराघवन को आउट किया था तो वहीं दूसरी पारी में चेतन चौहान, दिलीप वेंगसरकर, यशपाल शर्मा, कपिल देव, सैयद किरमानी और दिलीप दोषी को आउट करने में सफलता हासिल की थी. पहली पारी में ज्योफ ने 5 और दूसरी पारी में 7 विकेट निकाले थे और कुल 12 विकेट अपने नाम करने का कमाल किया था.
अब्दुल कादिर (Abdul Qadir)
पाकिस्तान के अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) भी ऐसा कारनामा टेस्ट में कर चुके हैं. अब्दुल कादिर ने साल 1987 में लाहौर टेस्ट मैच में इंग्लैंड के सभी 11 बल्लेबाजों को आउट किया था. इस टेस्ट में अब्दुल ने कुल 13 विकेट अर्जित किए थे. कादिर ने इंग्लैंड की पहली पारी के दौरान ग्राहम गूच, क्रिस ब्रॉड, टिम रॉबिन्सन, माइक गैटिंग, बिल एथे, फिल डिफ्रीटास, जॉन एंबुरी, नील फॉस्टर और निक कुक को पवेलियन भेजा था. वहीं, दूसरी पारी में ब्रूस फेंच और डेविड केपल को भी आउट दिया था. दूसरी पारी में कादिर को 4 औऱ पहली पारी में 9 विकेट मिले थे.
वकार यूनुस (Waqar Younis)
पाकिस्तान के Waqar Younis ने 1990 में फैसलाबाद टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ सभी 11 बल्लेबाजों को आउट करने का कमाल किया था. इस टेस्ट में वकार ने कुल 12 विकेट हासिल करने में सफलता हासिल की थी. वकार ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में 5 बल्लेबाजों को आउट किया था. इस दौरान पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने कीवी टीम के सभी 11 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था.
मुथैया मुरलीधरन (M Muralidaran)
श्रीलंका के मुरलीधरन भी इस कारनामें को अंजाम दे चुके हैं. मुरली ने साल 2000 में गॉल टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खिलाफ यह कमाल किया था. इस टेस्ट में मुथैया मुरलीधरन (M Muralidaran) ने 13 विकेट लिए थे.
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