महेंद्र सिंह धोनी की फाइल फोटो
रांची:
अपने घरेलू मैदान झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथा एकदिवसीय गंवाने के बाद भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हार के लिए टीम में शामिल नए खिलाड़ियों का बहाना बनाया. मैच के बाद धोनी ने खिलाड़ियों का नाम न लेते हुए उनके बल्लेबाजी क्रम के आधार पर कहा कि पांचवें और छठे क्रम के बल्लेबाज अपेक्षाकृत नए हैं और वे जल्द ही सीख जाएंगे कि हमेशा बड़े शॉट नहीं लगाए जाते.
गौरतलब है कि बुधवार को हुए मैच में पांचवें क्रम पर अक्षर पटेल और छठे क्रम पर मनीष पांडेय बल्लेबाजी करने उतरे. मनीष 12 जबकि पटेल 38 रनों का निजी योगदान दे सके. भारतीय टीम न्यूजीलैंड से मिले 261 रनों के जवाब में 48.4 ओवरों में 241 रन बनाकर ढेर हो गई. कीवी टीम ने इसके साथ ही पांच मैचों की सीरीज में 2-2 से बराबरी कर ली और अब विशाखापट्टनम में होने वाला पांचवां मैच सीरीज का नतीजा तय करेगा.
मैच के बाद धोनी ने कहा, 'अगर हम कुछ विकेट बचा सकते तो हम लक्ष्य हासिल कर सकते थे. विकेट बाद में धीमी होती गई. पांचवें और छठे क्रम के बल्लेबाज थोड़ा नए हैं. वे खुद से सीखेंगे. कुछ बल्लेबाज बड़े शॉट खेलते हैं, जबकि कुछ बाद में जाकर बड़े शॉट लगाना शुरू करते हैं. जब वे 15-20 मैच खेल लेंगे तब वे समझ पाएंगे कि उनके लिए क्या उचित होगा.'
मनीष और अक्षर दोनों ही बड़े शॉट लगाने के प्रयास में सीमारेखा के पास लपके गए. धोनी ने कहा, 'क्रिकेट काफी बदल चुका है. अब लोग बड़े शॉट खेलना पसंद करते हैं. जरूरी है कि उन्हें बड़े शॉट खेलने से न रोका जाए, क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि वे अपना स्वाभाविक खेल खो दें. 15-20 मैचों का अनुभव हो जाने के बाद वे सीखेंगे.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गौरतलब है कि बुधवार को हुए मैच में पांचवें क्रम पर अक्षर पटेल और छठे क्रम पर मनीष पांडेय बल्लेबाजी करने उतरे. मनीष 12 जबकि पटेल 38 रनों का निजी योगदान दे सके. भारतीय टीम न्यूजीलैंड से मिले 261 रनों के जवाब में 48.4 ओवरों में 241 रन बनाकर ढेर हो गई. कीवी टीम ने इसके साथ ही पांच मैचों की सीरीज में 2-2 से बराबरी कर ली और अब विशाखापट्टनम में होने वाला पांचवां मैच सीरीज का नतीजा तय करेगा.
मैच के बाद धोनी ने कहा, 'अगर हम कुछ विकेट बचा सकते तो हम लक्ष्य हासिल कर सकते थे. विकेट बाद में धीमी होती गई. पांचवें और छठे क्रम के बल्लेबाज थोड़ा नए हैं. वे खुद से सीखेंगे. कुछ बल्लेबाज बड़े शॉट खेलते हैं, जबकि कुछ बाद में जाकर बड़े शॉट लगाना शुरू करते हैं. जब वे 15-20 मैच खेल लेंगे तब वे समझ पाएंगे कि उनके लिए क्या उचित होगा.'
मनीष और अक्षर दोनों ही बड़े शॉट लगाने के प्रयास में सीमारेखा के पास लपके गए. धोनी ने कहा, 'क्रिकेट काफी बदल चुका है. अब लोग बड़े शॉट खेलना पसंद करते हैं. जरूरी है कि उन्हें बड़े शॉट खेलने से न रोका जाए, क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि वे अपना स्वाभाविक खेल खो दें. 15-20 मैचों का अनुभव हो जाने के बाद वे सीखेंगे.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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