सिडनी:
बेहतर विकल्प मिले तो महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं। धोनी ने कहा कि इसके लिए विकल्प के तौर पर 'बेहतर व्यक्ति' का चयन होना चाहिए।
विदेशी धरती पर अपनी कप्तानी में मिली लगातार आठ हार के बाद धोनी पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में चार-चार मैचों में हार मिली है।
धोनी ने मंगलवार को कहा कि कप्तानी ऐसी जिम्मेदारी होती है, जिस पर किसी का एकाधिकार नहीं होता। यह जिम्मेदारी उसी को मिलनी चाहिए जो उस समय टीम के नेतृत्व के लिए सबसे उपयुक्त हो।
धोनी ने कहा, "यह मेरे लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी और भूमिका है। इस स्थान पर हर कोई काबिज नहीं हो सकता। यह जिम्मेदारी मुझे साढे तीन साल पहले मिली थी। मैं इस टीम के साथ बेहतर प्रदर्शन का प्रयास कर रहा हूं। इस दौरान हमने मौकों पर सफलता हासिल की और कई मौकों पर नाकाम रहे।"
"मैं एक पद पर आसीन हूं। मैं तब तक इस पद की गरिमा बनाए रखने का प्रयास करूंगा, जब तक यह मेरे पास है। यह ऐसा पद नहीं, जिस पर मैं सदैव बने रहना चाहूंगा। अगर बेहतर विकल्प मिला तो मैं यह पद छोड़ दूंगा। यह बिल्कुल खुली बात है।"
"मैं चाहता हूं कि भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करे। यह मेरी कप्तानी में हो या फिर किसी और की कप्तानी में, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। अगर कोई ऐसा है, जो यह काम बेहतर तरीके से कर सकता है तो मैं उसका स्वागत करूंगा। यह ऐसा पद नहीं, जिसे आप अपनी इच्छा के मुताबिक मांग सकते हों।"
विदेशी धरती पर अपनी कप्तानी में मिली लगातार आठ हार के बाद धोनी पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में चार-चार मैचों में हार मिली है।
धोनी ने मंगलवार को कहा कि कप्तानी ऐसी जिम्मेदारी होती है, जिस पर किसी का एकाधिकार नहीं होता। यह जिम्मेदारी उसी को मिलनी चाहिए जो उस समय टीम के नेतृत्व के लिए सबसे उपयुक्त हो।
धोनी ने कहा, "यह मेरे लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी और भूमिका है। इस स्थान पर हर कोई काबिज नहीं हो सकता। यह जिम्मेदारी मुझे साढे तीन साल पहले मिली थी। मैं इस टीम के साथ बेहतर प्रदर्शन का प्रयास कर रहा हूं। इस दौरान हमने मौकों पर सफलता हासिल की और कई मौकों पर नाकाम रहे।"
"मैं एक पद पर आसीन हूं। मैं तब तक इस पद की गरिमा बनाए रखने का प्रयास करूंगा, जब तक यह मेरे पास है। यह ऐसा पद नहीं, जिस पर मैं सदैव बने रहना चाहूंगा। अगर बेहतर विकल्प मिला तो मैं यह पद छोड़ दूंगा। यह बिल्कुल खुली बात है।"
"मैं चाहता हूं कि भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करे। यह मेरी कप्तानी में हो या फिर किसी और की कप्तानी में, मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। अगर कोई ऐसा है, जो यह काम बेहतर तरीके से कर सकता है तो मैं उसका स्वागत करूंगा। यह ऐसा पद नहीं, जिसे आप अपनी इच्छा के मुताबिक मांग सकते हों।"
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