
चेतेश्वर पुजारा (सदस्य, भारतीय क्रिकेट टीम)
नई दिल्ली:
चेतेश्वर पुजारा ने श्रीलंका के खिलाफ नागपुर टेस्ट के तीसरे दिन 143 रन की पारी से मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के सबसे तेज तीन हजार रन बनाने के रिकॉर्ड पर तो पानी फेर दिया, लेकिन इस पारी से एक बार फिर से उनको लेकर वह बड़ा सवाल उठ रहा है, जिसके कारण उन्हें साल 2016 के विंडीज दौरे में बड़ी सजा दी गई थी. हालांकि अब उनको फिर से सजा दिए जाने की बात ही बेमानी है, लेकिन नागपुर में अगर बाकी दूसरे बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए, तो यह बड़ा सवाल उठना लाजिमी है. सवाल के पीछे बड़ी वजह यह है कि दक्षिण अफ्रीका दौरा मुंह उठाए खड़ा है.
नागपुर की कहानी बताने से पहले सबसे पहले हम आपको साल 2016 में विंडीज दौरे में पुजारा को दी गई बड़ी सजा के बारे में बताते हैं. तब पुजारा ने किंगस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में अपने 46 रन के लिए 159 गेंद खेल डाली थीं और उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 28.93 का रहा था. वहीं, बाकी बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट उनसे करीब-करीब दो गुना था. यह दूसरा टेस्ट मैच विंडीज ड्रॉ कराने में सफल रहा और भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ड्रॉ का बड़ा दोष चेतेश्वर पुजारा के सिर मढ़ डाला. नतीजा यह हुआ कि पुजारा को दौरे में खेले गए तीसरे और चौथे टेस्ट से बाहर कर दिया गया. हालांकि, इसके बाद से लेकर पुजारा ने काफी सुधार किया है. लेकिन अभी भी यह धीमापन उभर-उभरकर सामने आता है.
यह भी पढ़ेंः पुजारा ने नागपुर में सचिन से छीना 'यह रिकॉर्ड'!
नागपुर में भी इस धीमेपन के दर्शन हुए. नागपुर में टीम इंडिया के बाकी बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट पुजारा से कहीं ज्यादा ऊपर रहा. मुरली विजय (57.91), विराट कोहली (खबर लिखे जाने तक 76.23) सहित रोहित शर्मा ने भी चालीस से ऊपर के स्ट्राइक रेट से रन बटोरे, लेकिन पुजारा का स्ट्राइक रेट फिर से सिर्फ 39.50 पर ही सिमट कर रह गया. ईडन टेस्ट की पहली बारी में भी उनका स्ट्राइक रेट धवन (72.72) के मुकाबले काफी कम (44.44 ) और दूसरी पारी में भी उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 43.13 ही था. उनके छोड़कर सभी स्थापित बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट 60 से ऊपर का रहा था.
नागपुर की कहानी बताने से पहले सबसे पहले हम आपको साल 2016 में विंडीज दौरे में पुजारा को दी गई बड़ी सजा के बारे में बताते हैं. तब पुजारा ने किंगस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में अपने 46 रन के लिए 159 गेंद खेल डाली थीं और उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 28.93 का रहा था. वहीं, बाकी बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट उनसे करीब-करीब दो गुना था. यह दूसरा टेस्ट मैच विंडीज ड्रॉ कराने में सफल रहा और भारतीय टीम मैनेजमेंट ने ड्रॉ का बड़ा दोष चेतेश्वर पुजारा के सिर मढ़ डाला. नतीजा यह हुआ कि पुजारा को दौरे में खेले गए तीसरे और चौथे टेस्ट से बाहर कर दिया गया. हालांकि, इसके बाद से लेकर पुजारा ने काफी सुधार किया है. लेकिन अभी भी यह धीमापन उभर-उभरकर सामने आता है.
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नागपुर में भी इस धीमेपन के दर्शन हुए. नागपुर में टीम इंडिया के बाकी बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट पुजारा से कहीं ज्यादा ऊपर रहा. मुरली विजय (57.91), विराट कोहली (खबर लिखे जाने तक 76.23) सहित रोहित शर्मा ने भी चालीस से ऊपर के स्ट्राइक रेट से रन बटोरे, लेकिन पुजारा का स्ट्राइक रेट फिर से सिर्फ 39.50 पर ही सिमट कर रह गया. ईडन टेस्ट की पहली बारी में भी उनका स्ट्राइक रेट धवन (72.72) के मुकाबले काफी कम (44.44 ) और दूसरी पारी में भी उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 43.13 ही था. उनके छोड़कर सभी स्थापित बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट 60 से ऊपर का रहा था.
The runs have been flowing for the Indian Skipper as he scores his 19th Test ton. Second
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