वीरू ने 'थैंक्यू स्पीच' में नहीं लिया कैप्टन कूल धोनी का नाम

वीरू ने 'थैंक्यू स्पीच' में नहीं लिया कैप्टन कूल धोनी का नाम

महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंद्र सहवाग (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

नजफगढ़ के नवाब और रांची के राजकुमार के बीच तल्ख रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। आमतौर पर माना जाता है कि वीरेंद्र सहवाग को टीम से बाहर किए जाने में महेंद्र सिंह धोनी का हाथ था। हालांकि वीरू ने कभी अपनी जुबान से यह शिकायत नहीं की।

मौजूदा सीरीज का चौथा टेस्ट शुरू होने के ठीक पहले दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर बीसीसीआई ने आतिशी बल्लेबाज और बेबाक शख्स सहवाग को सम्मानित किया। भारत और दक्षिण अफ्रीकी टीम के सदस्यों ने भी सहवाग को शुभकामनाएं दीं। बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने भी ट्वीट किया-
 

अपने धन्यवाद भाषण में सहवाग ने सभी महान खिलाड़ियों का नाम लिया, लेकिन धोनी का जिक्र तक नहीं किया। जबकि धोनी की कप्तानी में वे करीब 6 साल खेले।

सहवाग ने कहा, "मैं अपने पहले कप्तान अजय जडेजा को धन्यवाद देता हूं। कप्तान सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले का शुक्रगुज़ार हूं। मैं सचिन तेंदुलकर को धन्यवाद देना चाहता हूं।"
 


अपने विदाई भाषण में सहवाग ने अपने कोच एन शर्मा और और सतीश शर्मा का खास जिक्र किया। सतीश शर्मा ने उन्हें पहली बार दिल्ली अंडर-19 टीम के लिए चुना था।

इस मौके पर सहवाग पूरे परिवार के साथ मैदान पर आए हुए थे।

मां कृष्णा सहवाग, पत्नी आरती और दोनों बेटे-आर्यवीर और वेदांत के साथ सहवाग ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जा रहा चौथा टेस्ट मैच भी देखा।

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14 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले वीरू को मलाल रह गया कि उन्हें "फेयरवेल गेम" खेलने का मौका नहीं दिया गया। 2013 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 0-4 से करारी हार के बाद सहवाग को टीम से निकाल दिया गया था। उस सीरीज के दौरान धोनी और वीरू के बीच रिश्ते बेहत खराब हो गए थे। 37 साल के वीरेंद्र सहवाग को आतिशी बल्लेबाज के साथ-साथ बेखौफ शख़्स के रूप में याद रखा जाएगा।