जयललिता (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कई सालों के बाद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान नरी कॉन्ट्रेक्टर चर्चा में हैं. चर्चा का वजह है तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता का इस क्रिकेटर के खेल का मुरीद होना. हाल ही में तमिलनाडु की लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हो गया .कई सालों पहले एक इंटरव्यू में जयललिता ने बताया था कि उनके पसंदीदा क्रिकेटर नरी कॉन्ट्रेक्टर थे और जब वे स्कूल में पढ़ रही थीं तो कॉन्ट्रेक्टर के मैच देखने के लिए स्टेडियम जाती थीं. दिलचस्प बात यह है कि कॉन्ट्रेक्टर ने भारत में अपना आखिरी टेस्ट मैच मद्रास (अब चेन्नई) में खेला था और यह मैच इंग्लैंड के खिलाफ था. इस मैच को देखने के लिए जयललिता स्टेडियम में मौजूद थीं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है.
भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच 1932 में खेला गया और इस मैच को इंग्लैंड ने 158 रन से जीत लिया था. शुरुआती दौर में इंग्लैंड के खिलाफ भारत का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं था और टीम को सिर्फ हार का सामना करना पड़ता था. 1932 से लेकर 1959 के बीच दोनों टीमों के बीच सात टेस्ट सीरीज खेली गईं, जिसमें छह सीरीज इंग्लैंड ने अपने नाम कीं जबकि एक सीरीज ड्रॉ रही थी. फिर 1961-62 में इंग्लैंड टीम पांच टेस्ट मैच खेलने के लिए भारत आई. पहला टेस्ट मैच 11 नवंबर को बंबई (अब मुम्बई) में खेला गया था जो ड्रॉ रहा. कानपुर और दिल्ली में खेले गए दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच भी ड्रॉ रहे. इस सीरीज का चौथा मैच कलकत्ता (अब कोलकाता) के ईडन गार्डन्स पर खेला गया था. इसे भारत ने 187 रन से जीता था। मैच में भारत के तरफ से सलीम दुर्रानी शानदार गेंदबाजी करते हुए आठ विकेट लेने में कामयाब हुए थे और जीत के नायक रहे थे.
दोनों टीमों के बीच आखिरी टेस्ट मैच 10 जनवरी 1962 को मद्रास में प्रारंभ हुआ था. इंग्लैंड टीम काफी दवाब में थी. टॉस जीतने के बाद टीम इंडिया के कप्तान नरी कॉन्ट्रेक्टर ने बल्लेबाजी का निर्णय लिया. पहले बैटिंग करते हुए भारत ने अपनीपहली पारी में 428 रन बनाए थे. भारत के ओर से सलामी बल्लेबाज के रूप में कप्तान कॉन्ट्रेक्टर ने 86 रन का पारी खेली जबकि मंसूर अली खान पटौदी ने 103 रन बनाए. पटौदी का टेस्ट करियर का यह तीसरा मैच था. भारत के स्पिनर सलीम दुर्रानी की शानदार गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज टिक नहीं पाए और इंग्लैंड पहली पारी में सिर्फ 281 रन ही बना पाया था. दुर्रानी इंग्लैंड की पहली पारी के छह विकेट लेने में सफल रहे थे.
भारत दूसरी पारी में सिर्फ 190 रन पर आउट हो गया था. इस तरह इंग्लैंड के सामने 337 रन की लक्ष्य था लेकिनपूरी टीम सिर्फ 209 रन पर सिमट गई. कॉन्ट्रेक्टर की कप्तानी में भारत ने इस मैच को 127 रन से जीतकर 32 सालों के बाद इंग्लैंड के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीतने का गौरव हासिल किया था. दुर्रानी ने इंग्लैंड की दूसरी पारी के चार बल्लेबाज़ों को पैवेलियन लौटाया था. इस मैच में कुल मिलाकर उन्हें 10 विकेट मिले थे. मद्रास भारत के लिए शुभ साबित हुआ. इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच भी भारत ने मद्रास में ही जीता था. एक दिलचस्प बात यह भी है कि चेन्नई के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ नरी कॉन्ट्रेक्टर का यह पहला और आखिरी अंतराष्ट्रीय मैच था.
भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच 1932 में खेला गया और इस मैच को इंग्लैंड ने 158 रन से जीत लिया था. शुरुआती दौर में इंग्लैंड के खिलाफ भारत का प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं था और टीम को सिर्फ हार का सामना करना पड़ता था. 1932 से लेकर 1959 के बीच दोनों टीमों के बीच सात टेस्ट सीरीज खेली गईं, जिसमें छह सीरीज इंग्लैंड ने अपने नाम कीं जबकि एक सीरीज ड्रॉ रही थी. फिर 1961-62 में इंग्लैंड टीम पांच टेस्ट मैच खेलने के लिए भारत आई. पहला टेस्ट मैच 11 नवंबर को बंबई (अब मुम्बई) में खेला गया था जो ड्रॉ रहा. कानपुर और दिल्ली में खेले गए दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच भी ड्रॉ रहे. इस सीरीज का चौथा मैच कलकत्ता (अब कोलकाता) के ईडन गार्डन्स पर खेला गया था. इसे भारत ने 187 रन से जीता था। मैच में भारत के तरफ से सलीम दुर्रानी शानदार गेंदबाजी करते हुए आठ विकेट लेने में कामयाब हुए थे और जीत के नायक रहे थे.
दोनों टीमों के बीच आखिरी टेस्ट मैच 10 जनवरी 1962 को मद्रास में प्रारंभ हुआ था. इंग्लैंड टीम काफी दवाब में थी. टॉस जीतने के बाद टीम इंडिया के कप्तान नरी कॉन्ट्रेक्टर ने बल्लेबाजी का निर्णय लिया. पहले बैटिंग करते हुए भारत ने अपनीपहली पारी में 428 रन बनाए थे. भारत के ओर से सलामी बल्लेबाज के रूप में कप्तान कॉन्ट्रेक्टर ने 86 रन का पारी खेली जबकि मंसूर अली खान पटौदी ने 103 रन बनाए. पटौदी का टेस्ट करियर का यह तीसरा मैच था. भारत के स्पिनर सलीम दुर्रानी की शानदार गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज टिक नहीं पाए और इंग्लैंड पहली पारी में सिर्फ 281 रन ही बना पाया था. दुर्रानी इंग्लैंड की पहली पारी के छह विकेट लेने में सफल रहे थे.
भारत दूसरी पारी में सिर्फ 190 रन पर आउट हो गया था. इस तरह इंग्लैंड के सामने 337 रन की लक्ष्य था लेकिनपूरी टीम सिर्फ 209 रन पर सिमट गई. कॉन्ट्रेक्टर की कप्तानी में भारत ने इस मैच को 127 रन से जीतकर 32 सालों के बाद इंग्लैंड के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीतने का गौरव हासिल किया था. दुर्रानी ने इंग्लैंड की दूसरी पारी के चार बल्लेबाज़ों को पैवेलियन लौटाया था. इस मैच में कुल मिलाकर उन्हें 10 विकेट मिले थे. मद्रास भारत के लिए शुभ साबित हुआ. इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच भी भारत ने मद्रास में ही जीता था. एक दिलचस्प बात यह भी है कि चेन्नई के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ नरी कॉन्ट्रेक्टर का यह पहला और आखिरी अंतराष्ट्रीय मैच था.
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