क्रिकेट वर्ल्डकप 2015 : ताकत टीम इंडिया की...

टीम इंडिया का फाइल चित्र

नई दिल्ली:

टीम इंडिया का विदेश में टेस्ट मैचों में चाहे जो भी हाल हो, लेकिन छोटे फॉरमैट में भारतीय टीम को किसी भी तरह की पिच और हालात में कम आंकना समझदारी नहीं कहलाएगी, क्योंकि इंग्लैंड में चैम्पियन्स ट्रॉफी और फिर वन-डे सीरीज़ जीतकर टीम इंडिया साबित कर चुकी है कि उसके पास फटाफट क्रिकेट के काफी अच्छे खिलाड़ी हैं।

उल्लेखनीय है कि टीम इंडिया ने वर्ष 2011 का क्रिकेट वर्ल्डकप जीतने के बाद 95 वन-डे इंटरनेशनल मैच खेले है, जिनमें से 57 में उसे जीत हासिल हुई है, और इस तरह टेस्ट मैचों में संघर्ष करने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी वन-डे में बादशाह नज़र आते हैं।

ओपनिंग में विकल्प...
ओपनिंग के लिए टीम इंडिया के पास एक नहीं, तीन अच्छे बल्लेबाज़ हैं, जिन्होंने हाल में खेले वन-डे मैचों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। रोहित शर्मा ने वन-डे में वापसी करने के बाद वन-डे क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी पारी खेली, जबकि अजिंक्य रहाणे ने भी इंग्लैंड में दिखा दिया कि वह कितने ठोस ओपनर हैं, और शिखर धवन के धमाकों से तो हर कोई पहले से वाकिफ है।

मिडिल ऑर्डर में जान...
टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत उसका मिडिल ऑर्डर है। विराट कोहली, सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी, तीनों ही स्ट्रोक मेकर हैं। ऑस्ट्रेलिया में स्विंग की कमी, गेंद में तेज़ी और पिच में बाउंस का ये तीनों बल्लेबाज़ बहुत अच्छी तरह फायदा उठा सकते हैं, और तीनों के पास ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव भी है।

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तेज़ गेंदबाज़ी में धार...
तेज़ गेंदबाज़ी टीम इंडिया की ताकत पहले कभी नहीं रही, लेकिन अब टीम के पास वरुण एरॉन, उमेश यादव और मोहम्मद शामी के रूप में तीन ऐसे तेज़ गेंदबाज़ हैं, जो तेज़ पिचों पर 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डाल सकते हैं, जबकि भुवनेश्वर कुमार स्विंग न्यूज़ीलैंड के हालात में घातक साबित हो सकती है, और जब इशांत लय में हों तो उनमें बाउंस का फायदा उठाने की क्षमता है।