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This Article is From Dec 01, 2018

Cricket Australia XI vs India: पहले टेस्ट से पहले 'ये संकेत' अच्छे नहीं, लंबे समय बाद उभरी 'पुरानी समस्या'

इस मैच में सबसे अच्छी बात यह रही एडिलेड में छह दिसंबर से खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले भारत की सबसे बड़ी समस्या सुलझ गई

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सिडनी: मेहमान भारत और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के बीच चारदिनी अभ्यास मैच (India vs Cricket Australia practice match turned out to be draw) शनिवार को खत्म हो गया. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 544 रन बनाए, तो इसके जवाब में टीम विराट ने दो विकेट पर 211 रन दूसरी पारी में बनाए. भारत ने पहली पारी में  358 रन बनाए थे. इस मैच में सबसे अच्छी बात यह रही एडिलेड में छह दिसंबर (India vs Australia first test starts from 6th December) से खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच से पहले भारत की सबसे बड़ी समस्या सुलझ गई. मुरली विजय और केएल राहुल ने पृथ्वी शॉ के चोटिल होने के बाद सलामी जोड़ी की समस्या को कम से कम पहले टेस्ट के लिए तो टाल ही दिया है, लेकिन इस ड्रॉ मैच से कुछ संकेत अच्छे नहीं मिले और एक पुरानी समस्या उभरती दिखाई पड़ी और निश्चित ही कप्तान विराट कोहली इससे खुश नहीं ही होंगे.   करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों ने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया टीम अपनी पहली पारी में 544 रन तक जाने में कामयाब रहेगी. बता दें कि इस मैच में विकेटकीपर ऋषभ पंत को छोड़कर दस सदस्यों ने गेंदबाजी की. कप्तान विराट कोहली भी सात ओवरों में 27 रन देकर 1 विकेट चटकाने में कामयाब रहे. कुलदीप यादव से विराट कोहली ने पूरी पारी में एक ओवर ही फिंकवाया, तो जसप्रीत बुमराह ने भी 1.1 ही ओवर फेंका. ये दोनों ही गेंदबाज प्रैक्टिस मैच की मूल इलेवन का हिस्सा नहीं थे.  यह भी पढ़ें:   IND vs AUS: स्टीव वॉ ने भारतीय टीम को लेकर दिया 'बड़ा बयान'

लेकिन इस सबके बीच निराश करने वाली बात यही नहीं रही कि भारतीय गेंदबाजों ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इलेवन को 544 रन बनाने दिए, बल्कि जिस पहलू की अनदेखी बिल्कुल भी नहीं की जा सकती, वह यह कि मोहम्मद शमी को छोड़कर कोई भी भारतीय गेंदबाज पर्याप्त विकेट लेने में नाकाम रहा. हालांकि, शमी के तीन विकेट को भी ज्यादा बेहतर नहीं का जा सकता है. लेकिन ईशांत शर्मा और उमेश यादव का सिर्फ 1-1 विकेट लेना पहले टेस्ट से पहले अच्छे संकेत नहीं ही हैं. 

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कुछ ऐसा ही रवींद्र जडेजा के बारे में कहा जा सकता है, जो 11 ओवर फेंकने के बाद एक भी विकेट नहीं ले सके. निश्चित ही, इस प्रैक्टिस मुकाबले में भारतीय बॉलरों ने कप्तान विराट कोहली को भरोसा नहीं दिया. वहीं, कंगारू टीम को यह जरूर महसूस हुआ होगा कि जब उनके ये बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का कॉन्फिडेंस से सामना कर सकते हैं, तो वे क्यों नहीं. 

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