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This Article is From May 31, 2017

हेडमास्टर की तरह है कोच अनिल कुंबले का बर्ताव, फिर क्या था विराट कोहली ने कर दी शिकायत!

टीम इंडिया से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक कोच अनिल कुंबले से भारतीय खिलाड़ी डरते हैं. उनका कहना है कि कोच कुंबले का बर्ताव हेडमास्टर जैसा है.

हेडमास्टर की तरह है कोच अनिल कुंबले का बर्ताव, फिर क्या था विराट कोहली ने कर दी शिकायत!
अनिल कुंबले और विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने अच्छा प्रदर्शन किया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: टीम इंडिया से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक कोच अनिल कुंबले से भारतीय खिलाड़ी डरते हैं. उनका कहना है, 'कुंबले का बर्ताव हेडमास्टर जैसा है'. सूत्रों की मानें तो कप्तान विराट कोहली ने बीसीसीआई से अपनी शिकायत में ऐसी ही बातों का जिक्र किया है. टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले की जबर्दस्त कामयाबी के बावजूद उनके अनुबंध को आगे क्यों नहीं बढाया जा रहा है इस पर अब धीरे-धीरे खबरें बाहर आ रही हैं. माना जा रहा है कि कुंबले टीम इंडिया के साथ जरूरत से ज्यादा सख्त रवैया अपना रहे हैं और उनकी मौजूदगी से खिलाड़ियों को डर लगने लगा है.

इतना ही नहीं, माना जा रहा है कि इस बारे में शिकायत खुद कप्तान विराट कोहली ने की है. विराट ने बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों से इस बारे में बात की है. यहां तक कि कोहली ने गांगुली से भी कुंबले के तौर-तरीकों पर बात की है. माना जा रहा है कि कुंबले के सख्त रवैये की वजह से कुछ खिलाड़ी घायल भी हुए. कोहली और धोनी जैसे सीनियर खिलाड़ियों को ये ठीक नहीं लगा.

कुछ और बातें भी हैं जिससे बोर्ड के अधिकारी पहले ही अनिल कुंबले से खुश नहीं थे. इनमें से खास हैं...
  • अनिल कुंबले ने खिलाड़ियों की सालाना राशि में 150% फीसदी के इज़ाफे की बात का प्रस्ताव दिया था. इस समय बीसीसीआई से अनुबंधित ग्रेड A खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपये दिए जाते हैं, लेकिन अनिल कुंबले इस राशि को 5 करोड़ के करीब ले जाना चाहते थे.
  • अनिल कुंबले कप्तान विराट कोहली के लिए  25% अतिरिक्त फ़ीस की मांग कर रहे थे, क्योंकि विराट टीम इंडिया के कप्तान हैं और बाकी खिलाड़ियों से ज़्यादा दबाव उन्हें झेलना पड़ता है.
  • अनिल कुंबले टीम चयन का भी अहम हिस्सा बनना चाहते थे और माना जा रहा है कि उन्होंने सुझाव दिया था कि कप्तान और कोच को भी टीम चुनने का अधिकार होना चाहिए.
  • इस समय चयन समिति टीम चुनने के लिए कप्तान और कोच की सलाह लेती है. हालांकि उनकी राय मानने को चयन समिति बाध्य नहीं है क्योंकि कप्तान और कोच को वोट करने का अधिकार नहीं है.
  • अनिल कुंबले बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारियों से किसी भी तरह की चर्चा नहीं करते थे. वह सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के पास अपने सुझाव लेकर जाते थे
  • इतना ही नहीं बोर्ड के कुछ अधिकारियों को लगता था कि जब लोढ़ा कमेटी के लोग पिछले साल अनिल कुंबले से मिले थे तो बीसीसीआई के खिलाफ़ सबसे ज़्यादा टिप्पणी करने वाले अनिल कुंबले ही थे और कुंबले की सिफारिशों का ही नतीजा है सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के खिलाफ़ सख्त फैसला लिया.


(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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