
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली फिर से गदगद हैं. पहले कोहली ने पहले टेस्ट में करियर का 24वां शतक जड़ने के साथ ही कई रिकॉर्ड अपनी झोली में डाले, तो शनिवार को ही टीम विराट ने विंडीज को पहले टेस्ट में पारी और 272 रनों से मात (मैच रिपोर्ट) देकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की. वहीं, उनका इलेवन में पृथ्वी शॉ को मौका देने का फैसला भी बहुत ही कारगर साबित हुआ. बहरहाल, इसके बावजूद क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी (सीओए) ने विराट कोहली के एक 'खास प्रस्ताव' को ठुकरा दिया है.
"..he takes the challenge head-on, which is very good to see from a captain's point of view."
— ICC (@ICC) October 6, 2018
India captain @imVkohli weighs in on India's newest starlet, Prithvi Shaw.
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अब आप भारतीय क्रिकेट में विराट कोहली के कद के बार में तो जानते ही हैं. आप यह भी जानते हैं कि मशहूर इतिहासकार और सीओए के शुरुआती तीन में से एक सदस्य मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कैसे अपने लेख में यह खुलासा किया था कि बीसीसीआई और विराट कोहली एक दूसरे के पर्यावाची बन कर रह गए हैं. गुहा ने साफ लिखा था कि कैसे बीसीसीआई विराट कोहली के कद के आगे बौना हो गया है. और हर तमाम सलाहों की अनदेखी करते हुए विनोद राय भारतीय कप्तान की बात को ऊपर रखते हैं. लेकिन कोहली के खास प्रस्ताव पर इस बार विनोद राय ने ही पल्ला झाड़ लिया है.
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वैसे कोहली का बीसीसीआई में दबदबा सभी ने महसूस किया और देखा है. चाहे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की सदस्यता वाली क्रिकेट सलाहाकार कमेटी की पसंद को दरकिनार कर अपने पसंदीदा कोच के चयन की बात हो, या फिर अनिल कुंबले का मसला हो, या फिर कुछ खिलाड़ी विशेष को टीम में जगह देने का मामला हो. टीम में हर बात कोहली की ही पसंद ही आखिरी पसंद होती है. लेकिन सीओए का हाल में कोहली के प्रस्ताव को ठुकराना यह भी संदेश दे रहा है कि कोहली अपनी हर बात ही नहीं मनवा सकते.
सीओए से जुड़े नजदीकी सूत्रों ने बताया कि कोहली के खास प्रस्ताव पर वह निर्णय नहीं लेंगे और विनोद राय ने यह मसला नए पदाधिकारियों के लिए छोड़ दिया है. सीओए ने कह दिया है कि फिलहाल नीतियों में बदलाव नहीं होगा. बता दें कि कोहली ने सीओ के समक्ष ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर एक खास अनुरोध किया था. और यह मसला विराट ही नहीं, बल्कि साथी खिलाड़ियों से भी जुड़ा था. कोहली ने बीसीसीआई से यह कहते हुए मांग की थी कि विदेशी दौरों में पूरे दौरे के दौरान पत्नियों को खिलाड़ियों के साथ दौरे में रहने की अनुमति दी जाए.
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लेकिन कोहली के इस अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि फिलहाल बीसीसीआई की नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. बोर्ड की नीति के अनुसार अभी फिलहाल विदेशी दौरे में तय अवधि तक ही पत्नियों को खिलाड़ियों के साथ रहने की इजाजत है. लेकिन कोहली इसमें बदलाव जाते थे. इल साल के आखिर में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है. यह दौरा करीब ढाई से तीन महीने तक चलेगा. इसी को देखते हुए कोहली ने सीओए से यह अनुरोध किया था.
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