विज्ञापन
This Article is From May 09, 2017

चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली के सामने है बहुत कुछ साबित करने की चुनौती...

कई बार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खेल भी कसौटी पर होता है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली.चैंपियंस आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी ख़िताब को बचाए रखना और दूसरी, इंग्लैंड की पिच पर दमदार प्रदर्शन कर आलोचकों और खासकर तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन को करारा जवाब देना कि उनका प्रदर्शन उपमहाद्वीप की पिच का मोहताज नहीं है.

चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली के सामने है बहुत कुछ साबित करने की चुनौती...
विराट कोहली के सामने चैंपियंस ट्रॉफी को टीम इंडिया के पास बरकरार रखने की कठिन चुनौती है (फाइल फोटो)
कई बार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खेल भी कसौटी पर होता है. भारतीय क्रिकेट कप्तान और दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में शुमार विराट कोहली के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली. चार  साल पहले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीते चैंपियंस आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी ख़िताब को बचाए रखना और दूसरी,  इंग्लैंड की पिच पर दमदार प्रदर्शन कर आलोचकों और खासकर तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन को करारा जवाब देना कि उनका प्रदर्शन उपमहाद्वीप की पिच का मोहताज नहीं है. न तो आप और न ही कोहली भूले होंगे साल 2014 का भारत का इंग्लैंड दौरा. कोहली के करियर का अब तक का सबसे स्याह पन्ना है. आउट स्विंग गेंदों के सामने कोहली बेबस नज़र आए. उनकी तिरछे बल्‍ले से खेलने की तकनीक पर सवाल खड़े किए गए पूरी सीरीज़ में जेम्स एंडरसन ने उन्हें रुलाए रखा.

उस दौरे पर विराट 4 वनडे में 18 की औसत से सिर्फ़ 54 रन बना पाए थे.
------------------
इंग्लैंड दौरा 2014
------------------
वनडे        4
रन        54
औसत        18
सर्वश्रेष्ठ        40

उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भी कोहली का बल्ला खामोश रहा.
------------------
ऑस्ट्रेलिया दौरा 2014-15
------------------
वनडे        4
रन        24
औसत        8.00
सर्वश्रेष्ठ        9


मगर कोहली गलतियों से सीखना जानते हैं. 2014 से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है. आज विराट कोहली को आउट करना दुनिया के किसी भी गेंदबाज़ी के लिए बड़ी बात होती है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के साथ एक इंटरव्यू में कोहली ने बताया कि कैसे सचिन तेंदुलकर की सलाह पर उन्होने अपनी कमियों को दुरुस्त किया और मानसिक तौर पर उन्होने कैसे खुद को मजबूत किया है. उनकी मेहनत का नतीजा जल्दी ही सामने था. वर्ल्ड कप में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा.


2016 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया गई तो कोहली का प्रदर्शन शानदार रहा.
------------------
ऑस्ट्रेलिया दौरा 2016
------------------
वनडे        5
रन        381
औसत        76.20
सर्वश्रेष्ठ        117

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में कोहली ने 119.93 की औसत से रन बनाए.
------------------
न्यूज़ीलैंड का भारत दौरा 2016
------------------
वनडे        5
रन        358
औसत        119.33
सर्वश्रेष्ठ        154*

दूसरी ओर,  इंग्लैंड के साथ सीरीज़ में 61.66 की औसत से 185 रन जोड़े.
------------------
इंग्लैंड का भारत दौरा 2016
------------------
वनडे        3
रन        185
औसत        61.66
सर्वश्रेष्ठ        122


लेकिन ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज़ और आईपीएल में खुद के औसत और टीम के खराब प्रदर्शन के बाद विराट कोहली फिर दबाव में हैं. पूर्व भारतीय कप्तान और कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने विराट कोहली को आईने में देखने की हिदायत तक दे डाली. 1 जून से इंग्लैंड में शुरू हो रहे 8 देशों के मिनी वर्ल्ड कप- आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में कोहली के सामने 2014 के अतीत को भूलने की चुनौती भी है. क्या विराट कोहली ये बता पाएंगे कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ मानकर दुनिया ने ग़लती नहीं की है?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
आधी रात को जागा देश...जब टी20 विश्वकप पर भारत ने किया कब्जा; हर किसी ने मनाया जीत का जश्न
चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली के सामने है बहुत कुछ साबित करने की चुनौती...
RR vs MI, IPL 2020: राजस्थान ने मुंबई को 8 विकेट से पीटा, बेन स्टोक्स का नाबाद शतक
Next Article
RR vs MI, IPL 2020: राजस्थान ने मुंबई को 8 विकेट से पीटा, बेन स्टोक्स का नाबाद शतक
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com