बहिष्कार की धमकी से पीछे हटते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने आईसीसी (ICC) से कहा है कि वह अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) की मेजबानी के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल' को स्वीकार करने को तैयार है लेकिन विश्व संस्था को 2031 तक भारत में होने वाले टूर्नामेंट के लिए भी यही व्यवस्था अपनाने की अनुमति देनी होगी.पीसीबी के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि बोर्ड इस ‘हाइब्रिड मॉडल' पर सहमत होने के लिए सालाना राजस्व चक्र में ज्यादा हिस्सेदारी की मांग भी कर रहा है. सुरक्षा चिंताओं के कारण भारत इस ‘हाइब्रिड मॉडल' में अपने मैच दुबई में खेलेगा जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबला भी शामिल है. चैंपियंस ट्रॉफी फरवरी-मार्च में होनी है.पीसीबी ने पहले टूर्नामेंट के बहिष्कार की धमकी दी थी, जिससे यह प्रस्ताव थोड़ा नरमी भरा है.
पीसीबी के एक सूत्र ने बताया, ‘मौजूदा स्थिति यह है कि पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा है कि वह ‘हाइब्रिड मॉडल' पर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी तभी स्वीकार करेगा, जब बोर्ड इस बात पर सहमत हो कि भविष्य में सभी आईसीसी टूर्नामेंट इसी प्रणाली के आधार पर होंगे और पाकिस्तान अपने मैच खेलने के लिए भारत नहीं जाएगा.' बता दें कि भारत को साल 2031 तक भारत को आईसीसी के तीन पुरुष टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है. इसमें श्रीलंका के साथ मिलकर 2026 टी20 विश्व कप,2029 चैंपियंस ट्रॉफी तथा बांग्लादेश के साथ मिलकर 2031 वनडे विश्व कप का आयोजन किया जाएगा.
इस मामले में हो सकती है मुश्किल
यह देखते हुए कि बांग्लादेश और श्रीलंका मुख्य टूर्नामेंट के दो सह-मेजबान हैं और अगर वे भी इसके खिलाफ जोर देते हैं तो पाकिस्तान को भारत की यात्रा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. विवाद का मुद्दा सिर्फ 2029 चैंपियंस ट्रॉफी हो सकता है जो पूरी तरह से भारत में आयोजित की जाएगी. एक और विवाद अगले साल अक्टूबर में होने वाला महिला वनडे विश्व कप हो सकता है जो भारत में ही आयोजित किया जाएगा.
बहरहाल, अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर अनिश्चितता की स्थिति अब अगले कुछ दिनों में सुलझने की उम्मीद है क्योंकि अब आईसीसी कार्यकारी बोर्ड पाकिस्तान की नयी मांगों पर विचार करेगा. आईसीसी बोर्ड ने शुक्रवार को समाधान खोजने के लिए संक्षिप्त बैठक की थी, लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका. नकवी के अपने देश के अड़ियल रूख पर अडिग रहने के बाद विश्व संस्था ने अंत में पीसीबी को कहा कि या तो वह ‘हाइब्रिड मॉडल' में खेलने के लिए तैयार रहे या फिर टूर्नामेंट से बाहर होने के लिए तैयार रहे.
यह भी चाहता है पाकिस्तान
सूत्र ने कहा, ‘पाकिस्तान यह भी चाहता है कि आईसीसी बोर्ड राजस्व में वित्तीय चक्र में उसके हिस्से को 5.75 प्रतिशत से बढ़ा दे और नकवी इस पर अड़े हुए हैं, लेकिन उन्होंने मेजबानी के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं मांगा है.' उन्होंने कहा,‘लोग कह रहे हैं कि नकवी ने अपनी सरकार से बात करने के बाद फिर बताने के लिए समय मांगा है. लेकिन हमें नहीं पता कि क्या वह सरकार के समर्थन से वहां गए थे और उन्होंने आईसीसी बोर्ड की वर्चुअल बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए पहले ही उनकी मंजूरी मांगी थी.'
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