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This Article is From May 12, 2016

2015 में टीम में विश्व विजेता कप्तान, आज हांगकांग की लीग में खेलने के लिए मजबूर

2015 में टीम में विश्व विजेता कप्तान, आज हांगकांग की लीग में खेलने के लिए मजबूर
माइकल क्लार्क को टीम के सदस्य विदाई देते हुए (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: सही समय पर संन्यास का फैसला न लेना और लेने के बाद संन्यास से वापसी करने का क्या नुकसान होता है, ये ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क अब अच्छी तरह जान गए हैं। अभी एक साल से भी कम समय हुआ जब अगस्त 2015 में माइकल क्लार्क ने पीठ में लगातार तकलीफ़ के कारण क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास लेना का फैसला किया था।

फिर कुछ ही महीने बाद उनका मन बदल गया और उन्होंने टी-20 में वापसी करने का ऐलान किया, लेकिन न तो बिग बैश और न ही आईपीएल में किसी टीम ने माइकल क्लार्क में इच्छा जताई।

2015 में अपनी टीम को वनडे चैंपियन बनाने वाले इस कप्तान का फ़ॉर्म बिलकुल औसत ही रहा है। उन्होंने ग्रेड क्रिकेट में वापसी के बाद ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं किया कि लोग उन पर ध्यान दे सकें।

अब 27 मई से हांग कांग में होने वाली एक टी-20 लीग में वे हिस्सा लेंगे। आयोजक इस बात से उत्साहित हैं कि क्लार्क के आने से लोगों की लीग में जबरदस्त रुचि बनेगी और दुनियाभर के बाकी खिलाड़ियों का ध्यान भी इस लीग की तरफ़ जाएगा।

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