बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, आईसीसी के मौजूदा रवैये से काफी नाराज हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली.:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) क्रिकेट जगत में सबसे मज़बूत और ताकतवर बोर्ड है. इस रसूख के चलते आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) क्रिकेट संबंधी फ़ैसलों में कोई भी फैसला बीसीसीआई की सहमति के बगैर नहीं लेता है. ज़ाहिर है जिस जगह से 80 फ़ीसदी क्रिकेट का रिवेन्यू आ रहा हो, उसे कोई नाराज़ नहीं करना चाहेगा. लेकिन यह बात तब से बदली है जब से शशांक मनोहर आईसीसी के पहले स्वतंत्र चेयरमैन चुने गए हैं. बीसीसीआई के हितों को बार-बार झटका लग रहा है. अब आईसीसी की चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष कुछ मुद्दों पर ज़रूर अपना पक्ष रखना चाहेंगे.
चैंपियन्स ट्रॉफ़ी का फ़ंड बड़ा मुद्दा
हाल फ़िलहाल की बात करें तो बड़ा मुद्दा 2017 चैंपियन्स ट्रॉफ़ी का फ़ंड है, जिसके लिए भारत में हुए टी-20 वर्ल्डकप की तीन गुना राशि दिए जाने की बात है. हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है और आईसीसी के मुताबिक महज़ कुछ ज्यादा रकम ही चैंपियन्स ट्रॉफ़ी के लिए अलॉट की जाने की बात है, लेकिन बीसीसीआई इस पूरे मामले में खफ़ा है.ऐसे में आईसीसी और बीसीसीआई के बीच टकराव होना लगभग तय है. खास बात यह है कि इस बार बीसीसीआई की जीत तय नहीं मानी जा रही है.
BCCI बनाम ICC: इन मुद्दों पर टकराव
-चैंपियन्स ट्रॉफ़ी 2017 को लेकर टकराव
-145 मिलियन डॉलर इवेंट के लिए देने की बात
-करीब 900 करोड़ रुपए
-भारत को 2016 T20 विश्व कप के लिए 45 मिलियन डॉलर
-करीब 300 करोड़ रुपए
-चैंपियंस ट्रॉफ़ी में टीमें और मैच भी कम
-ICC की तरफ़ से 60 मिलियन डॉलर की बात
-कोई आधिकारिक बयान नहीं आया
-रिवेन्यू शेयरिंग सिस्टम हटाया
-बिग 3 को मिलता था फ़ायदा
-भारत को मिलता था करीब 22% शेयर
-भारत से आता है करीब 80% रिवेन्यू
स्थायी सदस्यता पर भी लटकी तलवार!
इसके अलावा जो आईसीसी कमेटी में भारत की जो स्थाई सदस्यता है उसको भी हटाए जाने की आशंका है. ICC समिति से भारतीय प्रतिनिधित्व हटाने की आशंका भी बीसीसीआई की मुश्किलें बढ़ा रही है. दरअसल, एग्ज़ीक्यूटिव और फ़ाइनेंशियल कमेटी में भारत की स्थाई सदस्यता है. आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन शशांक मनोहर फ़ाइनेशियल कमेटी के सदस्य थे. उनके चेयरमैन बनने के बाद ये यह पद खाली पड़ा हुआ है.
टेस्ट क्रिकेट के ढांचे को बदलने के खिलाफ भी है बोर्ड
इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट को 2 टियर सिस्टम में बदलने को लेकर भी अनुराग ठाकुर आईसीसी के विरोध में खड़े दिखे हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के मुताबिक इससे विंडीज़, बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे जैसे देशों में क्रिकेट की लोकप्रियता पर असर पड़ेगा क्योंकि टेस्ट खेलनें वाले देशों को 2 टियर में बांटा जाएगा जिसमें एक तरफ़ टॉप 7 टीमें तो दूसरे टियर में निचली 3 टीमों के साथ 2 एसोसिएट देश होंगे. दरअसल आईसीसी, टेस्ट में 2 टियर सिस्टम लाना चाहता है. इसके अंतर्गत टीमें 2 टियर में बंटेंगी. पहले टियर में टॉप 7 टीमें होंगी जबकि दूसरे टियर में निंचली 3 टीमें + 2 एसोसिएट टीम होंगी. रैकिंग में 8,9 और 10 वें नंबर की टीम टियर 2 में रखी जाएंगी.
शशांक मनोहर के फैसलों पर बीसीसीआई में नाराजगी
गौरतलब है कि बीसीसीआई पहले भी कुछ फ़ैसलों के चलते नुकसान उठा चुकी है, जिससे बोर्ड में शशांक मनोहर के फ़ैसलों को लेकर नाराज़गी है. पहले रिवेन्यू शेयरिंग सिस्टम को हटाने के लेकर जिससे भारत को मिलने वाले 22 फ़ीसदी शेयर में कटौती हुईजिसके चलते हज़ारों करोड़ के नुकसान की बात बीसीसीआई करती रही है.
चैंपियन्स ट्रॉफ़ी का फ़ंड बड़ा मुद्दा
हाल फ़िलहाल की बात करें तो बड़ा मुद्दा 2017 चैंपियन्स ट्रॉफ़ी का फ़ंड है, जिसके लिए भारत में हुए टी-20 वर्ल्डकप की तीन गुना राशि दिए जाने की बात है. हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है और आईसीसी के मुताबिक महज़ कुछ ज्यादा रकम ही चैंपियन्स ट्रॉफ़ी के लिए अलॉट की जाने की बात है, लेकिन बीसीसीआई इस पूरे मामले में खफ़ा है.ऐसे में आईसीसी और बीसीसीआई के बीच टकराव होना लगभग तय है. खास बात यह है कि इस बार बीसीसीआई की जीत तय नहीं मानी जा रही है.
BCCI बनाम ICC: इन मुद्दों पर टकराव
-चैंपियन्स ट्रॉफ़ी 2017 को लेकर टकराव
-145 मिलियन डॉलर इवेंट के लिए देने की बात
-करीब 900 करोड़ रुपए
-भारत को 2016 T20 विश्व कप के लिए 45 मिलियन डॉलर
-करीब 300 करोड़ रुपए
-चैंपियंस ट्रॉफ़ी में टीमें और मैच भी कम
-ICC की तरफ़ से 60 मिलियन डॉलर की बात
-कोई आधिकारिक बयान नहीं आया
-रिवेन्यू शेयरिंग सिस्टम हटाया
-बिग 3 को मिलता था फ़ायदा
-भारत को मिलता था करीब 22% शेयर
-भारत से आता है करीब 80% रिवेन्यू
स्थायी सदस्यता पर भी लटकी तलवार!
इसके अलावा जो आईसीसी कमेटी में भारत की जो स्थाई सदस्यता है उसको भी हटाए जाने की आशंका है. ICC समिति से भारतीय प्रतिनिधित्व हटाने की आशंका भी बीसीसीआई की मुश्किलें बढ़ा रही है. दरअसल, एग्ज़ीक्यूटिव और फ़ाइनेंशियल कमेटी में भारत की स्थाई सदस्यता है. आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन शशांक मनोहर फ़ाइनेशियल कमेटी के सदस्य थे. उनके चेयरमैन बनने के बाद ये यह पद खाली पड़ा हुआ है.
टेस्ट क्रिकेट के ढांचे को बदलने के खिलाफ भी है बोर्ड
इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट को 2 टियर सिस्टम में बदलने को लेकर भी अनुराग ठाकुर आईसीसी के विरोध में खड़े दिखे हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के मुताबिक इससे विंडीज़, बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे जैसे देशों में क्रिकेट की लोकप्रियता पर असर पड़ेगा क्योंकि टेस्ट खेलनें वाले देशों को 2 टियर में बांटा जाएगा जिसमें एक तरफ़ टॉप 7 टीमें तो दूसरे टियर में निचली 3 टीमों के साथ 2 एसोसिएट देश होंगे. दरअसल आईसीसी, टेस्ट में 2 टियर सिस्टम लाना चाहता है. इसके अंतर्गत टीमें 2 टियर में बंटेंगी. पहले टियर में टॉप 7 टीमें होंगी जबकि दूसरे टियर में निंचली 3 टीमें + 2 एसोसिएट टीम होंगी. रैकिंग में 8,9 और 10 वें नंबर की टीम टियर 2 में रखी जाएंगी.
शशांक मनोहर के फैसलों पर बीसीसीआई में नाराजगी
गौरतलब है कि बीसीसीआई पहले भी कुछ फ़ैसलों के चलते नुकसान उठा चुकी है, जिससे बोर्ड में शशांक मनोहर के फ़ैसलों को लेकर नाराज़गी है. पहले रिवेन्यू शेयरिंग सिस्टम को हटाने के लेकर जिससे भारत को मिलने वाले 22 फ़ीसदी शेयर में कटौती हुईजिसके चलते हज़ारों करोड़ के नुकसान की बात बीसीसीआई करती रही है.
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