पाकिस्तान के खिलाफ मैच में रेफरल मांगते एमएस धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
BCCI ने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर लंबे समय से चले आ रहे विरोध को खत्म करते हुए ट्रायल आधार पर इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज के दौरान इसके इस्तेमाल पर शुक्रवार को सहमति जताई.
बोर्ड ने अपने बयान में कहा, ‘भारतीय क्रिकेट बोर्ड भारत और इंग्लैंड के बीच 9 नवंबर, 2016 से शुरू होने वाली आगामी सीरीज में ट्रायल आधार पर निर्णय समीक्षा प्रणाली का इसी के संपूर्ण रूप में इस्तेमाल करेगा और कुछ समय के अंतराल पर प्रणाली में सुधारों का आकलन करेगा.’
बीसीसीआई और भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लंबे समय तक इस प्रणाली का विरोध किया, लेकिन बोर्ड का रुख टेस्ट कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के इस तकनीक के साथ प्रयोग के प्रति खुलापन व्यक्त करने के बाद नरम पड़ गया.
कुंबले आईसीसी क्रिकेट समिति के प्रमुख हैं. उन्होंने पिछले साल गेंद ट्रैकिंग तकनीक और विवादास्पद हॉट स्पाट पर होने वाले शोध का आकलन करने के लिए एमआईटी लैब का दौरा किया था, जिसे बीसीसीआई ने बीते समय में अविश्वसनीय कहा था.
भारत ने अंतिम बार 2008 में श्रीलंका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर डीआरएस का इस्तेमाल किया था. बोर्ड ने कहा कि आईसीसी और हॉकआई अधिकारियों के साथ हालिया बैठक में बीसीसीआई ने इस प्रणाली में किए गए सुधारों का आकलन किया. बोर्ड ने कहा कि वह संतुष्ट है कि उसकी द्वारा जतायी गयी चिंताओं और सुझावों का काफी हद तक निराकरण किया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बोर्ड ने अपने बयान में कहा, ‘भारतीय क्रिकेट बोर्ड भारत और इंग्लैंड के बीच 9 नवंबर, 2016 से शुरू होने वाली आगामी सीरीज में ट्रायल आधार पर निर्णय समीक्षा प्रणाली का इसी के संपूर्ण रूप में इस्तेमाल करेगा और कुछ समय के अंतराल पर प्रणाली में सुधारों का आकलन करेगा.’
बीसीसीआई और भारत के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लंबे समय तक इस प्रणाली का विरोध किया, लेकिन बोर्ड का रुख टेस्ट कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के इस तकनीक के साथ प्रयोग के प्रति खुलापन व्यक्त करने के बाद नरम पड़ गया.
कुंबले आईसीसी क्रिकेट समिति के प्रमुख हैं. उन्होंने पिछले साल गेंद ट्रैकिंग तकनीक और विवादास्पद हॉट स्पाट पर होने वाले शोध का आकलन करने के लिए एमआईटी लैब का दौरा किया था, जिसे बीसीसीआई ने बीते समय में अविश्वसनीय कहा था.
भारत ने अंतिम बार 2008 में श्रीलंका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर डीआरएस का इस्तेमाल किया था. बोर्ड ने कहा कि आईसीसी और हॉकआई अधिकारियों के साथ हालिया बैठक में बीसीसीआई ने इस प्रणाली में किए गए सुधारों का आकलन किया. बोर्ड ने कहा कि वह संतुष्ट है कि उसकी द्वारा जतायी गयी चिंताओं और सुझावों का काफी हद तक निराकरण किया गया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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