नई दिल्ली : इस वर्ल्ड कप को जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड की टीमें बेकरार हैं। फ़ाइनल मैच से पहले दोनों टीमों के कप्तानों ने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवाई।
दोस्ताना माहौल में हंसते हुए मीडिया के सामने ये दोनों कप्तान एक-दूसरे के साथ थे। लेकिन रविवार को ब्रैंडन मैक्कलम और माइकल क्लार्क एक-दूसरे को मात देने के लिए जी जान लगा देंगे।
आकड़े बेशक ऑस्ट्रेलिया के साथ हैं, मगर न्यूज़ीलैंड को इस वर्ल्ड कप में अभी तक कोई टीम नहीं हरा पाई है... ऑस्ट्रेलिया भी नहीं। वर्ल्ड कप में ये दोनों टीमें 9 बार भिड़ी हैं. 6 बार ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली जबकि 3 बार न्यूज़ीलैंड विजयी रहा है।
मैच से पहले वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने वाले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क का कहना है कि फ़ाइनल में चाहे जो हो, इस टीम ने फ़ाइनल तक पहुंचकर काफ़ी कुछ हासिल किया है। दबाव में खिलाड़ी अच्छा खेले हैं। अगर हम जीत सके तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।
जबकि टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं हारने वाली न्यूज़ीलैंड की टीम के कप्तान ब्रैंडन मैक्कलम ने कहा कि लगातार मिल रही जीत ने देशवासियों को मोहित कर दिया है। हम बहुत संतुष्ठ हैं, लेकिन फ़ाइनल मैच भी जीतना चाहते हैं।
दोनों टीमों में एक से बढ़कर एक मैच विनर खिलाड़ी हैं और फ़ाइनल में इनकी टक्कर ज़ोरदार होगी। कप्तान के तौर पर क्लार्क और मैकक्लम का ये पहला वर्ल्ड कप फ़ाइनल मैच है। ट्रेंट बोल्ट और मिचेल स्टार्क दोनों ने सबसे ज्यादा विकेट टूर्नामेंट में निकाले हैं। जबकि स्टीवन स्मिथ और मार्टिल गप्टिल दोनों लाजवाब फ़ॉर्म में हैं।
भारत और पाकिस्तान की तरह ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट के मैदान पर दुश्मनी बहुत पुरानी है। पहली बार ये दोनों टीमें फ़ाइनल में एक दूसरे से भिड़ने जा रही हैं। ऑस्ट्रेलिया जहां रिकॉर्ड पांचवी बार खिताब जीतने की कोशिश करेगी वहीं न्यूज़ीलैंड अगर कामयाब रही तो ये उनका पहला वर्ल्ड कप खिताब होगा।
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