Rohit's clarification on being dropped: सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे पांचवे टेस्ट (aus vs ind 5th test) से खुद को ड्रॉप करने के फैसले के बाद पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बने कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को लेकर जब अलग-अलग बातें जोर-शोर से हो रही थीं, तब दूसरे दिन लंच के समय स्टार-स्पोर्ट्स को दिए गए इंटरव्यू में भारतीय कप्तान ने कई कयासों और अनुमानों पर पूरी तरह विराम लगा दिया. पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान और एंकर जतिन सप्रू को दिए गए इस इंटरव्यू में रोहित ने पूरे कॉन्फिडेंस और इत्मिनान से बातें की. चलिए आप उनके साक्षात्कार की 4 अहम बातों के बारे में जान लीजिए
सिडनी पहुंचने के बाद लिया फैसला
रोहित ने साफ कर दिया कि उन्होंने सिडनी पहुंचने के बाद बाहर बैठने का फैसला आखिरी पलों में किया. और इस फैसले की जानकारी उन्होंने सिर्फ टीम प्रबंधन को दी. इसमें हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर भी शामिल थे. उन्होंने कहा, "सिडनी पहुंचने के तुरंत बाद मैंने यह फैसला किया. मैच से पहले हमारे पास केवल दो दिन का समय था. नए साल के मौके पर मैं चीफ सेलेक्टर और हेड कोच से यह बात नहीं करना चाहता था. लेकिन यह मेरे ज़हन में था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा था, लेकिन मैं रन नहीं बना पा रहा था. मैंने इसे स्वीकार किया और मैच से हटने का फैसला किया."
"इसका मतलब संन्यास नहीं"
रोहित ने यह भी साफ कर दिया है कि सिडनी टेस्ट से बाहर बैठने का मतलब टेस्ट क्रिकेट से संन्यास नहीं है. उन्होंने कहा, "हटने का मतलब आराम, ड्रॉप या खुद हटने जैसा कुछ भी नहीं है. मैंने स्टेप डाउन किया है. इस फैसले का मतलब खेल से संन्यास बिल्कुल नहीं है. न ही मैं खुद को खेल से बाहर रखने जा रहा हूं. मैंने केवल इसीलिए मैच से हटने का फैसला किया क्योंकि बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे. ऐसी कोई गारंटी नहीं है कि अगले पांच या दो मैचों से रन नहीं आएंगे.मैंने बहुत ज्यादा क्रिकेट देखी है और जीवन हर सेकेंड, हर मिनट और हर दिन बदल सकता है."
"लोगों के कहने से जीवन नहीं बदलेगा"
रोहित इन सुझावों को भी दरकिनार कर दिया कि कप्तानी की आलोचना के कारण उन्होंने मैच हटने का फैसला किया. रोहित बोले, "टीम का हित पहले आता है. मेरा खुद में भरोसा है कि हालात बदल सकते हैं. लेकिन ठीक इसी समय मुझे वास्तविक रवैया अख्तियार करने की जरुरत नहीं है. ऐसे में जीवन लोगों के माइक पर बोलने और लैपटॉप पर या पेन से कुछ भी कहने और लिखने से नहीं बदलेगा. ये लोग तय नहीं कर सकते है कि हमें कब संन्यास लेना चाहिए. मैं एक समझदार, परिपक्व शख्स और दो बच्चों का पिता हूं. ऐसे में मैं जानता हूं कि मुझे जीवन में किस बात की जरुरत है. हम इसे टीम कहकर बुलाते हैं और हमेशा सोचते हैं कि टीम को किस बात की जरुरत है"
"लड़के तय सीमा तक ही चुप रह सकते हैं"
रोहित ने कैमस कोन्स्टास के इर्द-गिर्द लेकर हो रहे विवाद के बारे में भी बात कही, जिनका पहले दिन के खेल की समाप्ति के बाद शब्दों का आदान-प्रदान हुआ. और भारतीय खिलाड़ियों ने खास अंदाज में जश्न मनाया. इस पर रोहित ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को छेड़ा जाएगा, तो वह प्रतिक्रिया करंगे. उन्होंने कहा, "हमारे लड़क एक तय सीमा तक ही चुप रह सकते हैं. अगर आप उन्हें छेड़ेंगे, तो वे प्रतिकार करेंगे ही करेंगे. हम यहां क्रिकेट खेलने के लिए हैं. कृपया ऐसी बेकार की बातें न करें"
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