रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने वर्ष 2016 में वनडे का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर बनने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने अपनी यह इच्छा अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' को दिए गए इंटरव्यू में जताई।
शास्त्री और अरुण ने भरपूर मदद की
इंटरव्यू में अश्विन ने कहा, 'वर्ष 2015 मेरे लिए बेहतरीन साबित हुआ है। मैं 2014 के अपने प्रदर्शन से निराश था। कुछ ऐसे मौके भी आए जब मैं टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में स्थान तक नहीं बना सका। इस दौर में टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच बी. अरुण मेरी मदद को आगे आए और समय के साथ सब कुछ बेहतर हो गया।' वर्ष 2015 के सर्वश्रेष्ठ दौर के बारे मे पूछने पर अश्विन ने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैचों में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीतना मेरे करियर का सर्वश्रेष्ठ अनुभव था। विदेश में यह मेरी पहली टेस्ट जीत थी। खास बात यह है कि युवा कप्तान विराट कोहली के साथ मैं भारत की इस सीरीज जीत का महत्वपूर्ण हिस्सा बना।
डिविलियर्स को नागपुर में आउट करना पसंदीदा विकेट
वर्ष 2015 के सबसे पसंदीदा विकेट के बारे में पूछने पर उनका जवाब था, नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स को आउट करना सबसे संतोष देने वाला था। मैंने उन्हें काफी समय तक कैरम बॉल नहीं फेंकी थी। एबी को मैंने स्टंप पर यह गेंद फेंकी। उन्होंने सोचा कि यह गेंद टर्न होगी, लेकिन उनका अनुमान गलत रहा और मैं उन्हें आउट करने में कामयाब रहा। मैं इस विकेट को अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ विकेट मानता हूं।
कोहनी को मोड़े बिना दूसरा नहीं फेंकी जा सकती
बातचीत के दौरान अश्विन ने इस बात को दोहराया कि क्रिकेट का हिस्सा बन चुकी 'दूसरा' गेंद को कोहनी के मोड़े बिना नहीं फेंका जा सकता। टॉप स्पिन को इस तरह से फेंका जा सकता है, लेकिन 'दूसरा' को नहीं।
स्मिथ को गेंदबाजी करना मुश्किल
आउट करने के लिहाज से सबसे मुश्किल बल्लेबाज के बारे में पूछने पर उनका जवाब था, 'जब आपका कामयाबी से भरा साल रहा तो ऐसे बल्लेबाज को चुनना कुछ कठिन है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि आस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ ऐसे बल्लेबाज हैं।' अच्छे बल्लेबाज होने के साथ वे अपने पैरों का अच्छा इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें गेंदबाजी करते हुए आउट करना मुश्किलभरा है।
आस्ट्रेलिया दौरे का भरपूर लुत्फ उठाना महत्वपूर्ण
ऑस्ट्रेलिया टीम इस समय कुछ प्रमुख खिलाडि़यों के संन्यास और चोटग्रस्त होने के चलते पुनर्निमाण के दौर में है, ऐसे में क्या टीम इंडिया के लिए आगामी सीरीज जीतने का अच्छा मौका है, इस सवाल पर अश्विन ने कहा, 'हर टीम ऐसे दौरे से गुजरती है। फिलहाल आस्ट्रेलिया का ऐसा दौर चल रहा है। बेशक हमारे लिए अच्छा मौका है, लेकिन महत्वपूर्ण यह होगा कि हमें इस दौरे का आनंद उठाना होगा और चुनौतियों का बखूबी सामना करना होगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर टीम अपने घर में खेलते हुए मजबूत होती है।'
विराट और धोनी की कप्तान के रूप में खूबियां अलग-अलग
कप्तान के रूप में विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की तुलना संबंधी सवाल पर अश्विन ने कहा, दोनों की अपनी खूबियां हैं। दोनों मुझ पर काफी विश्वास जताते हैं। जहां तक विराट की बात है तो वे खिलाडि़यों और गेंदबाजों से ज्यादा बात करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं। दूसरी ओर, धोनी अपनी भावनाओं को बखूबी नियंत्रित करते हैं। लेकिन इनकी तुलना करना तभी ठीक होगा जब विराट सात से दस साल तक टीम इंडिया का नेतृत्व कर लें।
बल्ले से भी अच्छा करना चाहता हूं
अपने अगले लक्ष्य के बारे में पूछने पर 29 वर्षीय अश्विन ने कहा, 'एक दिन वनडे क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर बनना चाहता हूं। मैं इसे हासिल करने के लिए पूरी मेहनत कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि मैं इसमें सक्षम हूं। इस बारे में मैं किसी की भी सलाह लेने के लिए तैयार हूं। इसके लिए मैं सब कुछ करना चाहता हूं।'
जडेजा की कामयाबी पर हैरानी नहीं
रवींद्र जडेजा और अमित मिश्रा के साथ अपनी गेंदबाजी तिकड़ी के बारे मे पूछने पर इस ऑफ स्पिनर ने कहा, 'अमित मिश्रा सीनियर गेंदबाज है। वे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनसे मैं सीखता हूं। जहां तक जडेजा की बात है, उन्होंने टेस्ट में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। कई बार उन्हें ऐसी बातों के लिए निशाना बनाया गया जिसमें उनकी गलती नहीं थी।' उन्होंने कहा कि 'जडेजा अच्छे टेस्ट गेंदबाज होने के साथ निचले क्रम के अच्छे बल्लेबाज भी हैं। जडेजा का फॉर्म मेरे लिए हैरानी की कोई बात नहीं है। मैं उनके लिए बेहद खुश हूं।'
शास्त्री और अरुण ने भरपूर मदद की
इंटरव्यू में अश्विन ने कहा, 'वर्ष 2015 मेरे लिए बेहतरीन साबित हुआ है। मैं 2014 के अपने प्रदर्शन से निराश था। कुछ ऐसे मौके भी आए जब मैं टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में स्थान तक नहीं बना सका। इस दौर में टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री और गेंदबाजी कोच बी. अरुण मेरी मदद को आगे आए और समय के साथ सब कुछ बेहतर हो गया।' वर्ष 2015 के सर्वश्रेष्ठ दौर के बारे मे पूछने पर अश्विन ने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैचों में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीतना मेरे करियर का सर्वश्रेष्ठ अनुभव था। विदेश में यह मेरी पहली टेस्ट जीत थी। खास बात यह है कि युवा कप्तान विराट कोहली के साथ मैं भारत की इस सीरीज जीत का महत्वपूर्ण हिस्सा बना।
डिविलियर्स को नागपुर में आउट करना पसंदीदा विकेट
वर्ष 2015 के सबसे पसंदीदा विकेट के बारे में पूछने पर उनका जवाब था, नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स को आउट करना सबसे संतोष देने वाला था। मैंने उन्हें काफी समय तक कैरम बॉल नहीं फेंकी थी। एबी को मैंने स्टंप पर यह गेंद फेंकी। उन्होंने सोचा कि यह गेंद टर्न होगी, लेकिन उनका अनुमान गलत रहा और मैं उन्हें आउट करने में कामयाब रहा। मैं इस विकेट को अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ विकेट मानता हूं।
कोहनी को मोड़े बिना दूसरा नहीं फेंकी जा सकती
बातचीत के दौरान अश्विन ने इस बात को दोहराया कि क्रिकेट का हिस्सा बन चुकी 'दूसरा' गेंद को कोहनी के मोड़े बिना नहीं फेंका जा सकता। टॉप स्पिन को इस तरह से फेंका जा सकता है, लेकिन 'दूसरा' को नहीं।
स्मिथ को गेंदबाजी करना मुश्किल
आउट करने के लिहाज से सबसे मुश्किल बल्लेबाज के बारे में पूछने पर उनका जवाब था, 'जब आपका कामयाबी से भरा साल रहा तो ऐसे बल्लेबाज को चुनना कुछ कठिन है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि आस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ ऐसे बल्लेबाज हैं।' अच्छे बल्लेबाज होने के साथ वे अपने पैरों का अच्छा इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें गेंदबाजी करते हुए आउट करना मुश्किलभरा है।
आस्ट्रेलिया दौरे का भरपूर लुत्फ उठाना महत्वपूर्ण
ऑस्ट्रेलिया टीम इस समय कुछ प्रमुख खिलाडि़यों के संन्यास और चोटग्रस्त होने के चलते पुनर्निमाण के दौर में है, ऐसे में क्या टीम इंडिया के लिए आगामी सीरीज जीतने का अच्छा मौका है, इस सवाल पर अश्विन ने कहा, 'हर टीम ऐसे दौरे से गुजरती है। फिलहाल आस्ट्रेलिया का ऐसा दौर चल रहा है। बेशक हमारे लिए अच्छा मौका है, लेकिन महत्वपूर्ण यह होगा कि हमें इस दौरे का आनंद उठाना होगा और चुनौतियों का बखूबी सामना करना होगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर टीम अपने घर में खेलते हुए मजबूत होती है।'
विराट और धोनी की कप्तान के रूप में खूबियां अलग-अलग
कप्तान के रूप में विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की तुलना संबंधी सवाल पर अश्विन ने कहा, दोनों की अपनी खूबियां हैं। दोनों मुझ पर काफी विश्वास जताते हैं। जहां तक विराट की बात है तो वे खिलाडि़यों और गेंदबाजों से ज्यादा बात करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं। दूसरी ओर, धोनी अपनी भावनाओं को बखूबी नियंत्रित करते हैं। लेकिन इनकी तुलना करना तभी ठीक होगा जब विराट सात से दस साल तक टीम इंडिया का नेतृत्व कर लें।
बल्ले से भी अच्छा करना चाहता हूं
अपने अगले लक्ष्य के बारे में पूछने पर 29 वर्षीय अश्विन ने कहा, 'एक दिन वनडे क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर बनना चाहता हूं। मैं इसे हासिल करने के लिए पूरी मेहनत कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि मैं इसमें सक्षम हूं। इस बारे में मैं किसी की भी सलाह लेने के लिए तैयार हूं। इसके लिए मैं सब कुछ करना चाहता हूं।'
जडेजा की कामयाबी पर हैरानी नहीं
रवींद्र जडेजा और अमित मिश्रा के साथ अपनी गेंदबाजी तिकड़ी के बारे मे पूछने पर इस ऑफ स्पिनर ने कहा, 'अमित मिश्रा सीनियर गेंदबाज है। वे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनसे मैं सीखता हूं। जहां तक जडेजा की बात है, उन्होंने टेस्ट में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। कई बार उन्हें ऐसी बातों के लिए निशाना बनाया गया जिसमें उनकी गलती नहीं थी।' उन्होंने कहा कि 'जडेजा अच्छे टेस्ट गेंदबाज होने के साथ निचले क्रम के अच्छे बल्लेबाज भी हैं। जडेजा का फॉर्म मेरे लिए हैरानी की कोई बात नहीं है। मैं उनके लिए बेहद खुश हूं।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं