लंदन:
इयान बेल (109) के करियर के 19वें शतक की बदौलत इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने लॉर्ड्स स्टेडियम में गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ शुरू हुए एशेज-2013 के दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में सात विकेट पर 289 रन बना लिए।
खास बात यह है कि इंग्लैंड ने 28 रनों पर तीन विकेट गंवाने के बाद इस शृंखला में दूसरा शतक लगाने वाले बेल, अपने करियर का 17वां अर्द्धशतक लगाने वाले जोनाथन ट्रॉट (58) और चौथा अर्द्धशतक जमाने वाले जॉनी बेयरस्टो (67) की जुझारू पारियों की मदद से न सिर्फ खुद को सम्भाला बल्कि दिन की समाप्ति तक एक सम्मानजनक योग भी हासिल कर लिया।
टिम ब्रेस्नन सात और जेम्स एंडरसन चार रन पर नाबाद लौटे। ऑस्ट्रेलिया को पहले सत्र में तीन, दूसरे सत्र में एक और तीसरे सत्र में तीन सफलता हासिल हुई। रेयान हैरिस और स्टीवन स्मिथ ने तीन-तीन विकेट लिए शेन वॉटसन को एक विकेट मिला। तीसरे सत्र में इंग्लैंड ने चार विकेट पर 271 रन बनाए थे लेकिन अगले 12 रनों पर उसे तीन विकेट गंवाने पड़े और ये तीनों ही विकेट स्मिथ को मिले।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने 28 रनों के कुल योग पर ही कप्तान एलिस्टर कुक (12), जोए रूट (6) और स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन (2) के विकेट गंवा दिए थे। मिशेल स्टार्क के स्थान पर टीम में शामिल किए गए रेयान हैरिस ने टीम को मनोवांक्षित शुरुआत दी लेकिन बेल और ट्राट ने चौथे विकेट के लिए 99 रनों की साझेदारी से मेहमान टीम की खुशियों पर पानी फेर दिया।
बेल और ट्राट ने पहला सत्र बिना किसी मुश्किल के निकाल दिया लेकिन पारी के 34वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हैरिस ने एक और सफलता हासिल करते हुए ट्रॉट को पैवेलियन की राह दिखाई। ट्रॉट ने 87 गेंदों पर 11 चौके लगाए। उनका विकेट 127 रनों के कुल योग पर गिरा।
इसके बाद बेयरस्टो और बेल ने पांचवें विकेट के लिए 144 रनों की साझेदारी निभाई। इस साझेदारी के दौरान ही बेल ने अपने करियर का 19वां और इस शृंखला का दूसरा शतक पूरा किया। बेल ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाकर इंग्लैंड के लिए जीत का आधार तय किया था।
बेल काफी संयम के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन 271 रनों के कुल योग पर वह अपना संयम खो बैठे और स्मिथ की एक गेंद को प्वाइंट और गली के बीच से निकालने के प्रयास में पहले स्लिप में कप्तान माइकल क्लार्क को कैच थमा बैठे।
बेल की 211 गेंदों की पारी में 16 चौके शामिल हैं। बेल ने 203 गेंदों पर शतक पूरा किया था। कप्तान क्लार्क ने इस सफलता से प्रेरित होकर एक छोर से स्मिथ को आक्रमण पर लगाए रखा। स्मिथ ने अपने कप्तान को निराश नहीं होने दिया और 274 रनों के कुल योग पर बेयरस्टो को भी चलता कर दिया। बेयरस्टो ने 146 गेंदों पर सात चौके लगाए।
कप्तान क्लार्क ने लगातार स्मिथ और रेयान हैरिस की आक्रमण शक्ति पर भरोसा कायम रखा और इसका नतीजा भी निकला। हैरिस ने जहां मेजबान बल्लेबाजों को रन बनाने से रोका वहीं स्मिथ ने 283 रनों के कुल योग पर मैट प्रायर (6) को ब्रैड हेडिन के हाथों कैच कराकर अपनी टीम की सातवीं सफलता दिलाई। यह स्मिथ की तीसरी सफलता थी।
इस मैच के लिए इंग्लैंड ने एक परिवर्तन किया। स्टीवन फिन इस मैच में नहीं खेल रहे हैं। उनका स्थान ब्रेस्नन ने लिया। दूसरी ओर, पांच मैचों की इस शृंखला में 0-1 से पिछड़ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम दो बदलावों के साथ उतरी।
सलामी बल्लेबाज एड कोवान और तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। कोवान और स्टार्क की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा और हैरिस को मैदान में उतरने का मौका मिला।
खास बात यह है कि इंग्लैंड ने 28 रनों पर तीन विकेट गंवाने के बाद इस शृंखला में दूसरा शतक लगाने वाले बेल, अपने करियर का 17वां अर्द्धशतक लगाने वाले जोनाथन ट्रॉट (58) और चौथा अर्द्धशतक जमाने वाले जॉनी बेयरस्टो (67) की जुझारू पारियों की मदद से न सिर्फ खुद को सम्भाला बल्कि दिन की समाप्ति तक एक सम्मानजनक योग भी हासिल कर लिया।
टिम ब्रेस्नन सात और जेम्स एंडरसन चार रन पर नाबाद लौटे। ऑस्ट्रेलिया को पहले सत्र में तीन, दूसरे सत्र में एक और तीसरे सत्र में तीन सफलता हासिल हुई। रेयान हैरिस और स्टीवन स्मिथ ने तीन-तीन विकेट लिए शेन वॉटसन को एक विकेट मिला। तीसरे सत्र में इंग्लैंड ने चार विकेट पर 271 रन बनाए थे लेकिन अगले 12 रनों पर उसे तीन विकेट गंवाने पड़े और ये तीनों ही विकेट स्मिथ को मिले।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने 28 रनों के कुल योग पर ही कप्तान एलिस्टर कुक (12), जोए रूट (6) और स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन (2) के विकेट गंवा दिए थे। मिशेल स्टार्क के स्थान पर टीम में शामिल किए गए रेयान हैरिस ने टीम को मनोवांक्षित शुरुआत दी लेकिन बेल और ट्राट ने चौथे विकेट के लिए 99 रनों की साझेदारी से मेहमान टीम की खुशियों पर पानी फेर दिया।
बेल और ट्राट ने पहला सत्र बिना किसी मुश्किल के निकाल दिया लेकिन पारी के 34वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हैरिस ने एक और सफलता हासिल करते हुए ट्रॉट को पैवेलियन की राह दिखाई। ट्रॉट ने 87 गेंदों पर 11 चौके लगाए। उनका विकेट 127 रनों के कुल योग पर गिरा।
इसके बाद बेयरस्टो और बेल ने पांचवें विकेट के लिए 144 रनों की साझेदारी निभाई। इस साझेदारी के दौरान ही बेल ने अपने करियर का 19वां और इस शृंखला का दूसरा शतक पूरा किया। बेल ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाकर इंग्लैंड के लिए जीत का आधार तय किया था।
बेल काफी संयम के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन 271 रनों के कुल योग पर वह अपना संयम खो बैठे और स्मिथ की एक गेंद को प्वाइंट और गली के बीच से निकालने के प्रयास में पहले स्लिप में कप्तान माइकल क्लार्क को कैच थमा बैठे।
बेल की 211 गेंदों की पारी में 16 चौके शामिल हैं। बेल ने 203 गेंदों पर शतक पूरा किया था। कप्तान क्लार्क ने इस सफलता से प्रेरित होकर एक छोर से स्मिथ को आक्रमण पर लगाए रखा। स्मिथ ने अपने कप्तान को निराश नहीं होने दिया और 274 रनों के कुल योग पर बेयरस्टो को भी चलता कर दिया। बेयरस्टो ने 146 गेंदों पर सात चौके लगाए।
कप्तान क्लार्क ने लगातार स्मिथ और रेयान हैरिस की आक्रमण शक्ति पर भरोसा कायम रखा और इसका नतीजा भी निकला। हैरिस ने जहां मेजबान बल्लेबाजों को रन बनाने से रोका वहीं स्मिथ ने 283 रनों के कुल योग पर मैट प्रायर (6) को ब्रैड हेडिन के हाथों कैच कराकर अपनी टीम की सातवीं सफलता दिलाई। यह स्मिथ की तीसरी सफलता थी।
इस मैच के लिए इंग्लैंड ने एक परिवर्तन किया। स्टीवन फिन इस मैच में नहीं खेल रहे हैं। उनका स्थान ब्रेस्नन ने लिया। दूसरी ओर, पांच मैचों की इस शृंखला में 0-1 से पिछड़ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम दो बदलावों के साथ उतरी।
सलामी बल्लेबाज एड कोवान और तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। कोवान और स्टार्क की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा और हैरिस को मैदान में उतरने का मौका मिला।
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