ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड की एशेज़ में क्लीन स्वीप करने की उम्मीदों को बड़ा झटका देते हुए 1-1 से बराबरी हासिल कर ली है। 67 साल में एशेज के दौरान यह इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार है। (कंगारुओं ने निकाला अंग्रेजों का दम, 405 रनों से दर्ज की एशेज में चौथी बड़ी जीत)
कार्डिफ में बेहतरीन जीत के बाद अब लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में मिली हार इंग्लैंड की परेशानियों को बढ़ाने वाली है। आइए पढ़ते हैं, इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की जीत के पांच बड़े कारण...
1. स्टीवन स्मिथ : हमेशा बड़े मौकों पर ही चलते हैं, और उनका टेस्ट रिकार्ड वन-डे से कहीं बेहतर है, जो उनके परिपक्व क्रिकेटर होने की कहानी भी कहता है। कार्डिफ में जब वह बार-बार शफल कर रहे थे और ओवर-अटैकिंग के कारण आउट हुए तो आलोचकों ने उन पर हमला शुरू कर दिया, लेकिन लॉर्ड्स में जैसे ही स्मिथ तीसरे नंबर पर आए और रोजर्स के साथ इंग्लिश गेंदबाजों की पिटाई शुरू की तो एंडरसन एंड कंपनी के पास कोई उत्तर नहीं था।
स्मिथ स्पिन के साथ-साथ तेज गेंदबाजों को भी उसी योग्यता से खेलते हैं, और साथ ही उनका स्कोरिंग रेट भी वन-डे के नज़दीक ही होता है। सो, पहली पारी में उनका दोहरा शतक और दूसरी पारी में तेज अर्द्धशतक इस मैच को ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में ले जाने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक है।
2. जो रूट : कार्डिफ में इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ा एक्स-फैक्टर जो रूट का शानदार शतक था, लेकिन इस मैच में रूट एकदम जड़ों से कटे दिखे। ऑफ-स्टम्प से बाहर जाती गेंदों पर उनका डिफेंस किसी भारतीय बल्लेबाज की तरह बचकाना था। रूट प्रतिभाशाली हैं, लेकिन स्मिथ जैसा एप्लिकेशन उनमें नहीं है। अगर वह फॉर्म में नहीं आते हैं, तो इंग्लैंड के लिए बाकी बल्लेबाजों की नाकामी छिपाना मुश्किल हो जाएगा।
3. बेजान पिच : इंग्लैंड की पिचें अपनी स्विंग के लिए जानी जाती हैं, लेकिन इस मैच की पिच एकदम बेजान थी। इसमें न तो तेज गेंदबाजों के लिए बाउंस था और न स्पिन के लिए टर्न। मोइन अली को औसत स्पिनर कहना भी स्पिन गेंदबाजी का मज़ाक उड़ाने जैसा है, ऐसे में फ्लैट विकेट पर मोइन की गेंदबाजी इंग्लैंड के लिए परेशानी बढ़ाने वाली रही।
4. अच्छी शुरुआत का खराब अंत : इंग्लैंड की ओर से कप्तान एलेस्टेयर कुक (96) और बेन स्ट्रोक्स (87) ने पहली पारी में अच्छी शुरुआत की, लेकिन वे स्कोर को बड़ी पारियों तक नहीं ले जा पाए। जबकि यही काम ऑस्ट्रेलिया के लिए रोजर्स (173) और स्मिथ (215) ने अपनी पारियों को शतक से कहीं आगे ले जाकर किया।
5. गेंदबाजी : ऑस्ट्रेलिया की ओर हेजलवुड, स्टार्क और जॉनसन ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि इंग्लैंड की ओर से कुछ हद तक ब्रॉड को छोड़कर कोई गेंदबाज प्रभावित नहीं कर सका। यहां तक कि एंडरसन भी बेहद फीके और 'आउट ऑफ स्विंग' दिखे।
कार्डिफ में बेहतरीन जीत के बाद अब लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में मिली हार इंग्लैंड की परेशानियों को बढ़ाने वाली है। आइए पढ़ते हैं, इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की जीत के पांच बड़े कारण...
1. स्टीवन स्मिथ : हमेशा बड़े मौकों पर ही चलते हैं, और उनका टेस्ट रिकार्ड वन-डे से कहीं बेहतर है, जो उनके परिपक्व क्रिकेटर होने की कहानी भी कहता है। कार्डिफ में जब वह बार-बार शफल कर रहे थे और ओवर-अटैकिंग के कारण आउट हुए तो आलोचकों ने उन पर हमला शुरू कर दिया, लेकिन लॉर्ड्स में जैसे ही स्मिथ तीसरे नंबर पर आए और रोजर्स के साथ इंग्लिश गेंदबाजों की पिटाई शुरू की तो एंडरसन एंड कंपनी के पास कोई उत्तर नहीं था।
स्मिथ स्पिन के साथ-साथ तेज गेंदबाजों को भी उसी योग्यता से खेलते हैं, और साथ ही उनका स्कोरिंग रेट भी वन-डे के नज़दीक ही होता है। सो, पहली पारी में उनका दोहरा शतक और दूसरी पारी में तेज अर्द्धशतक इस मैच को ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में ले जाने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक है।
2. जो रूट : कार्डिफ में इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ा एक्स-फैक्टर जो रूट का शानदार शतक था, लेकिन इस मैच में रूट एकदम जड़ों से कटे दिखे। ऑफ-स्टम्प से बाहर जाती गेंदों पर उनका डिफेंस किसी भारतीय बल्लेबाज की तरह बचकाना था। रूट प्रतिभाशाली हैं, लेकिन स्मिथ जैसा एप्लिकेशन उनमें नहीं है। अगर वह फॉर्म में नहीं आते हैं, तो इंग्लैंड के लिए बाकी बल्लेबाजों की नाकामी छिपाना मुश्किल हो जाएगा।
3. बेजान पिच : इंग्लैंड की पिचें अपनी स्विंग के लिए जानी जाती हैं, लेकिन इस मैच की पिच एकदम बेजान थी। इसमें न तो तेज गेंदबाजों के लिए बाउंस था और न स्पिन के लिए टर्न। मोइन अली को औसत स्पिनर कहना भी स्पिन गेंदबाजी का मज़ाक उड़ाने जैसा है, ऐसे में फ्लैट विकेट पर मोइन की गेंदबाजी इंग्लैंड के लिए परेशानी बढ़ाने वाली रही।
4. अच्छी शुरुआत का खराब अंत : इंग्लैंड की ओर से कप्तान एलेस्टेयर कुक (96) और बेन स्ट्रोक्स (87) ने पहली पारी में अच्छी शुरुआत की, लेकिन वे स्कोर को बड़ी पारियों तक नहीं ले जा पाए। जबकि यही काम ऑस्ट्रेलिया के लिए रोजर्स (173) और स्मिथ (215) ने अपनी पारियों को शतक से कहीं आगे ले जाकर किया।
5. गेंदबाजी : ऑस्ट्रेलिया की ओर हेजलवुड, स्टार्क और जॉनसन ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि इंग्लैंड की ओर से कुछ हद तक ब्रॉड को छोड़कर कोई गेंदबाज प्रभावित नहीं कर सका। यहां तक कि एंडरसन भी बेहद फीके और 'आउट ऑफ स्विंग' दिखे।
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