नई दिल्ली:
एजबेस्टन टेस्ट में स्टीवन फ़िन ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 6 विकेट लिए। अपने 21 ओवर की गेंदबाज़ी में फ़िन ने 3 मेडन डाले और 79 दिए।
फ़िन की घातक गेंदबाज़ी के सामने कंगारू बल्लेबाज ज्यादा देर तक नहीं टिक सके और पूरी टीम 265 रन पर सिमट गई।
जेम्स एंडरसन की मांस-पेशियों में खिंचाव की वजह से वह 8.3 ओवर डालने के बाद मैदान से बाहर हो गए। इंग्लैंड को कम से कम लक्ष्य मिल सके, इसकी ज़िम्मेदारी अब फ़िन के कंधों पर थी। 26 साल के फ़िन ने अपने कप्तान एलिस्टर कुक को निराश नहीं किया और घातक गेंदबाज़ी करते हुए 6 विकेट झटके।
ऐशेज़ सीरीज़ के पहले टेस्ट में फ़िन को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। दूसरे टेस्ट में भी उनको निराशा हाथ लगी। तीसरे टेस्ट में तेज गेंदबाज मार्क वुड का चोटिल होना फ़िन के लिए वरदान साबित हुआ। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने लॉर्ड्स में मिली हार को देखते हुए फ़िन को एजबेस्टन में खेलने का मौक़ा दिया। करीब दो साल बाद टीम में वापसी कर रहे फ़िन ने मौके का फ़ायदा उठाते हुए टेस्ट में कुल 8 विकेट लिए।
फ़िन ने अपने करियर की शुरुआत शानदार अंदाज़ में की। 16 साल की उम्र में फ़िन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा और आगे बढ़ते गए।
21 साल की उम्र में इंग्लिश टीम के लिए अपना पहला टेस्ट खेला। फ़िन ने जल्दी ही अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया और इंग्लैंड के लिए सबसे कम उम्र में 50 विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए।
सन 2013 के ऐशेज़ में खराब प्रदर्शन के बाद वह टीम से बाहर हो गए लेकिन अपनी गेंदबाजी एक्शन में बदलाव और घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत के बाद फ़िन ने वापसी की। एजबेस्टन टेस्ट में फ़िन की गेंदबाजी में पहले जैसी तेजी के साथ-साथ स्विंग भी दिखी। इस बदलाव की वजह से ही वह 8 विकेट लेने में सफल रहे।
फ़िन की घातक गेंदबाज़ी के सामने कंगारू बल्लेबाज ज्यादा देर तक नहीं टिक सके और पूरी टीम 265 रन पर सिमट गई।
जेम्स एंडरसन की मांस-पेशियों में खिंचाव की वजह से वह 8.3 ओवर डालने के बाद मैदान से बाहर हो गए। इंग्लैंड को कम से कम लक्ष्य मिल सके, इसकी ज़िम्मेदारी अब फ़िन के कंधों पर थी। 26 साल के फ़िन ने अपने कप्तान एलिस्टर कुक को निराश नहीं किया और घातक गेंदबाज़ी करते हुए 6 विकेट झटके।
ऐशेज़ सीरीज़ के पहले टेस्ट में फ़िन को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। दूसरे टेस्ट में भी उनको निराशा हाथ लगी। तीसरे टेस्ट में तेज गेंदबाज मार्क वुड का चोटिल होना फ़िन के लिए वरदान साबित हुआ। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने लॉर्ड्स में मिली हार को देखते हुए फ़िन को एजबेस्टन में खेलने का मौक़ा दिया। करीब दो साल बाद टीम में वापसी कर रहे फ़िन ने मौके का फ़ायदा उठाते हुए टेस्ट में कुल 8 विकेट लिए।
फ़िन ने अपने करियर की शुरुआत शानदार अंदाज़ में की। 16 साल की उम्र में फ़िन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा और आगे बढ़ते गए।
21 साल की उम्र में इंग्लिश टीम के लिए अपना पहला टेस्ट खेला। फ़िन ने जल्दी ही अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया और इंग्लैंड के लिए सबसे कम उम्र में 50 विकेट लेने वाले खिलाड़ी बन गए।
सन 2013 के ऐशेज़ में खराब प्रदर्शन के बाद वह टीम से बाहर हो गए लेकिन अपनी गेंदबाजी एक्शन में बदलाव और घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत के बाद फ़िन ने वापसी की। एजबेस्टन टेस्ट में फ़िन की गेंदबाजी में पहले जैसी तेजी के साथ-साथ स्विंग भी दिखी। इस बदलाव की वजह से ही वह 8 विकेट लेने में सफल रहे।
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