यह ख़बर 04 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

गावस्कर-रिचर्ड्स का मिला-जुला रूप बनना चाहता था : सचिन तेंदुलकर

खास बातें

  • मास्टर ब्लास्टर ने कहा, स्कूली बच्चों को मेरा अनुसरण नहीं करना चाहिए। पढ़ाई करना अहम होता है। मैंने भी पढ़ाई और क्रिकेट के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की थी, लेकिन कर नहीं पाया।
बेंगलुरु:

करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों का भले ही मानना हो, लेकिन मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का कहना है कि वह क्रिकेट के भगवान नहीं है और वह भी गलतियां करते हैं। तेंदुलकर ने हाल ही में एक प्रचार कार्यक्रम से इतर कहा, ''मैं क्रिकेट का भगवान नहीं हूं। मैं भी गलतियां करता हूं, भगवान नहीं करते।'' बल्लेबाजी के लगभग सभी रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके सचिन तेंदुलकर ने यह भी कहा कि वह करियर की शुरुआत में सुनील गावस्कर और विवियन रिचर्ड्स का मिला-जुला रूप बनना चाहते थे।

तेंदुलकर ने बच्चों के सवालों के जवाब में कहा, 'मैं बच्चा था, तब सुनील गावस्कर बनना चाहता था। जब मैं बड़ा हुआ तो विवियन रिचर्ड्स ने मुझे आकर्षित किया। मैं हमेशा से सोचता था कि मैं इन दोनों का मिला-जुला रूप बन सकूं।''

आधुनिक क्रिकेट के सबसे मुकम्मल बल्लेबाज माने जाने वाले तेंदुलकर ने उस दौर को याद किया, जब 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ''जब मेरा 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक बना तो मैं खुशी के मारे कूदा नहीं या जश्न नहीं मना रहा था। मैंने भगवान से पहला सवाल किया कि इतना लंबा समय क्यों लगा। मैंने क्या गलती की थी। जब करोड़ों लोग इसका इंतजार कर रहे थे तो इतना लंबा समय नहीं लगना चाहिए था।''

तेंदुलकर ने कहा, 'मैं कहां पीछे रह गया? मैंने कड़ी मेहनत की और पाकिस्तान के खिलाफ विश्वकप सेमीफाइनल में शतक के करीब भी पहुंचा। उस समय सभी का फोकस विश्वकप पर था। उसके बाद बड़ी निराशा हुई लेकिन यही जिंदगी है।''

यह पूछने पर कि यदि क्रिकेटर नहीं होते तो वह क्या होते, तेंदुलकर ने कहा कि उनके पास अधिक विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि मेरे पास ज्यादा विकल्प थे। स्कूली बच्चों को मेरा अनुसरण नहीं करना चाहिए। पढ़ाई करना अहम है। मैंने पढ़ाई और क्रिकेट के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की, लेकिन कर नहीं सका। क्रिकेट ने मेरी रातों की नींदें उड़ा दी थी। मैं खेल से इस कदर प्यार करता था।''

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा ,''कई बार मैं छत पर एक हाथ में टेनिस रैकेट और दूसरे में बल्ला लेकर जाता था, और 20 मिनट तक टेनिस खेलता और 20 मिनट क्रिकेट। मुझे टेनिस खेलने में मजा आता है।'' उन्होंने कहा, ''मेरे लिए क्रिकेट के बिना जीवन की कल्पना मुश्किल है। उसके अलावा सिर्फ टेनिस है।''