पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की सलामी जोड़ी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सोमवार से शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला में वहां की कड़ी परिस्थितियों में टिककर खेलना होगा। चोपड़ा 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे। तब उन्होंने 23.25 की औसत से रन बनाए और कोई अर्धशतक नहीं जड़ा। तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वा ने सिडनी में आखिरी टेस्ट मैच के बाद कहा कि भारतीय टीम यदि श्रृंखला 1-1 से बराबर कराने में सफल रही तो इसका काफी श्रेय चोपड़ा को जाता है। चोपड़ा की सफलता आंकड़ों में नहीं दिखती लेकिन उन्होंने जिस तरह से नई गेंद की चमक उतारी उससे बाकी बल्लेबाजों को काफी फायदा मिला। इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, कूकाबुरा गेंद के सामने पहले 30 ओवर काफी मुश्किल होते है। यदि आप इस स्पैल में कम से कम विकेट गंवाते हो तो फिर मध्यक्रम के बल्लेबाजों को रन बनाने में दिक्कत नहीं होती है। चोपड़ा ने नई गेंद को अच्छी तरह से झेला था। ब्रिस्बेन में उन्होंने 40 गेंद पर चार रन, एडिलेड में 67 गेंद पर 27 रन, मेलबर्न में 135 गेंद पर 48 रन और सिडनी में 184 गेंद पर 45 रन रन बनाये थे। इसके बाद भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने इसका पूरा फायदा उठाया। सचिन तेंदुलकर ने 76.60 की औसत से 383 रन, वीवीएस लक्ष्मण ने 82.33 की औसत से 494 रन और द्रविड़ ने 123.80 की औसत से 619 रन बनाये थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं