पिछले दिनों भारत के खिलाफ सिडनी में खेले गए ऑखिरी और पांचवें टेस्ट में कंगारू पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ अपने घरेलू दर्शकों के सामने एक बड़ा मौका था. और यह मौका था ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट इतिहास में दस हजार बनाने वाले 15वें खिलाड़ी बनने का. लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा ने उनके इस सपने को चूर कर दिया. भारतीय पेसर की गेंद पर स्टीव स्मिथ गली में यशस्वी जायसवाल के हाथों लपके गए. और कंगारू बल्लेबाज 9,999 पर अटके रह गए. मतलब अपने शहर के दर्शकों के सामने दस हजार रन पूरे करने का सपना हाथ से निकल गया, जिसका मलाल स्टीव स्मिथ को ताउम्र रहेगा.
स्मिथ ने कहा, "सिर्फ एक रन. उस समय इस बात से थोड़ा आहत किया. निश्चित तौर पर घरेलू मैदान पर अपने परिवार और दोस्तों के सामने इस उपलब्धि को हासिल करना अच्छी बात होती. मैं इसे श्रीलंका के खिलाफ गॉल में पहले टेस्ट में हासिल कर सकता हूं."
बता दें कि इस आंकड़े के साथ ही स्टीव स्मिथ 9,999 के योग पर आउट होने वाले इतिहास के चौथे बल्लेबाज बन गए. उनसे पहले ब्रायन लारा, महेला जयवर्द्धने और एलिस्टर कुक इस अनचाहे रिकॉर्ड को हासिल कर चुके हैं. वैसे स्मिथ इस उपलब्धि को काफी पहले हासिल कर सकते थे, लेकिन वॉर्नर के बाद ओपनर बनने की चाहत में यह कारनामा उसने दूर चला गया. बतौर ओपनर स्टीव स्मिथ 8 पारियों में 28.5 के औसत से 28.5 का ही औसत निकाल सका.
यह चरमकाल निर्विवाद है
वैसे टेस्ट इतिहास में कोई भी दूसरा बल्लेबाज ऐसे रन नहीं बना सका, जैसे स्मिथ ने अपने चरमकाल में बनाए. करियर के शुरुआती में दस पारियों में 6-9 नंबर पर खेलने के बाद स्मिथ ने मिड्ल ऑर्डर में वापसी की. यह भारत के खिलाफ साल 2013 का समय था. तब मोहाली में उन्होंने नंबर पांच पर 185 गेंदों पर 92 रन बनाए. स्टीव कुछ ही पारियों में व्यवस्थित हो चुके थे, लेकिन यह साल 2014 का समय था, जहां से स्मिथ ने विश्व क्रिकेट पर प्रभुत्व बनाना शुरू किया. इंग्लैंड के खिलाफ करियर की 32वीं पारी में स्मिथ ने इंग्लैंड के खिलाफ सिडनी में साल 2014 में 115 रन बनाए. और लगातार सौ पारियों के बाद स्मिथ ने 71.92 के औसत से 6,257 रन बनाए थे. और जनवरी 2020 तक चले इस चरमकाल में स्मिथ ने 24 शतक जड़े और यह चरम टेस्ट इतिहास में अपने आप में निर्विवाद है.
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