आगरा में बंदरों के उत्पात के कारण लोग परेशान हैं.
आगरा:
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक बंदर द्वारा 12 दिन के बच्चे को उसकी मां की गोद से उठाकर ले जाने और पटककर मार देने की घटना के दो दिन बाद कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने बुधवार को बंदरों को वन्यजीव अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजाति की सूची से निकालने की मांग की.
आगरा में बंदरों के खतरे पर आयोजित एक सम्मेलन में यह मांग की गई. सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्यमेव जयते के न्यासी मुकेश जैन ने कहा कि एक दशक से हम मांग कर रहे हैं कि बंदरों को जंगलों में छोड़ा जाए और उनकी नसबंदी करने की व्यवस्था की जाए, लेकिन अब तक हम सरकारी अनुमति हासिल करने में विफल रहे हैं.
12 दिन के बच्चे को दूध पिला रही थी मां, गोद से छीनकर भागा बंदर, पड़ोसी की छत पर मार डाला
उन्होंने कहा कि बंदरों को वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित प्रजातियों की सूची से निकालना चाहिए. आगरा नगर निगम के मुताबिक, शहर में बंदरों की संख्या 25,000 से ज्यादा है. सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित करके बंदरों के हमलों के पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की गई.
आगरा में बंदर द्वारा बच्चे को मार डालने की घटना से आहत परिवार बंदरों से भयभीत है. परिवार का कहना है कि उन्हें बंदरों के उत्पात को सहन करना पड़ता है. बंदर बड़े-बड़े समूहों में आते हैं. लोग डरते हैं और बंदर निडरता से उनके आसपास घूमते रहते हैं. इसकी प्रशासन को शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
VIDEO : पुलिस ने बंदरों को हिरासत में लिया!
(इनपुट भाषा से)
आगरा में बंदरों के खतरे पर आयोजित एक सम्मेलन में यह मांग की गई. सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्यमेव जयते के न्यासी मुकेश जैन ने कहा कि एक दशक से हम मांग कर रहे हैं कि बंदरों को जंगलों में छोड़ा जाए और उनकी नसबंदी करने की व्यवस्था की जाए, लेकिन अब तक हम सरकारी अनुमति हासिल करने में विफल रहे हैं.
12 दिन के बच्चे को दूध पिला रही थी मां, गोद से छीनकर भागा बंदर, पड़ोसी की छत पर मार डाला
उन्होंने कहा कि बंदरों को वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित प्रजातियों की सूची से निकालना चाहिए. आगरा नगर निगम के मुताबिक, शहर में बंदरों की संख्या 25,000 से ज्यादा है. सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित करके बंदरों के हमलों के पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की गई.
आगरा में बंदर द्वारा बच्चे को मार डालने की घटना से आहत परिवार बंदरों से भयभीत है. परिवार का कहना है कि उन्हें बंदरों के उत्पात को सहन करना पड़ता है. बंदर बड़े-बड़े समूहों में आते हैं. लोग डरते हैं और बंदर निडरता से उनके आसपास घूमते रहते हैं. इसकी प्रशासन को शिकायत की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
Agra: A 14-day-old infant was allegedly killed by a monkey at his house on 12 Nov. Family says "The area is facing money menace.Monkeys move in large groups.People are scared, they keep sticks with them.We complained to admn but to no avail.Demand govt to look into this." (14.11) pic.twitter.com/WqGRY4yOIF
— ANI UP (@ANINewsUP) November 14, 2018
VIDEO : पुलिस ने बंदरों को हिरासत में लिया!
(इनपुट भाषा से)
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