राकेश अस्थाना ने संभाली दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कमान, कहा- पहला मकसद अपराध नियंत्रण

कई काबिल आईपीएस अफसरों को दरकिनार कर अस्थाना को रिटायर होने के ठीक 3 दिन पहले एक साल का एक्सटेंशन देकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बना दिया गया

राकेश अस्थाना ने संभाली दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कमान, कहा- पहला मकसद अपराध नियंत्रण

राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस का पदभार संभाल लिया.

नई दिल्ली:

1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाल लिया है. हालांकि उनका नाम कई बार विवादों में भी रहा, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का करीबी माना जाता है. इसलिए कई काबिल आईपीएस अफसरों को दरकिनार कर अस्थाना को रिटायर होने के ठीक 3 दिन पहले एक साल का एक्सटेंशन देकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बना दिया गया.

1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना जब दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुंचे तो एक उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने के साथ खामोशी के साथ गुलदस्ता भेंट किया गया. इसके बाद अस्थाना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर का पद संभाल लिया. पद संभालते ही अस्थाना ने कहा कि उनका पहला मकसद अपराध को काबू करना रहेगा. अस्थाना दिल्ली पुलिस के 23वें कमिश्नर हैं.

इससे पहले मंगलवार रात जब गृह मंत्रालय ने अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाने का आदेश जारी किया तो हर कोई हैरान रह गया. पुलिस मुख्यालय में भी इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई. दरअसल राकेश अस्थाना इसी 31 जुलाई को बीएसएफ डीजी के पद से रिटायर हो रहे थे. लेकिन मंगलवार को उन्हें अचानक न सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दे दिया गया बल्कि गुजरात कैडर से एजीएमयूटी कैडर में डेपुटेशन में भेज दिया गया और दिल्ली पुलिस कमिश्नर बना दिया गया. पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. जबकि 27 दिन पहले एक्टिंग सीपी रहे 1988 बैच के आईपीएस अफसर बालाजी श्रीवास्तव को पद से हटा दिया गया. दिल्ली पुलिस कमिश्नर की दौड़ में चल रहे 1987 बैच के आईपीएस अफसर सत्येंद्र गर्ग और ताज हसन को दरकिनार कर दिया गया. 

एसएस जोग और अजयराज शर्मा के बाद अस्थाना बाहर के कैडर से आने वाले दिल्ली पुलिस के तीसरे कमिश्नर हैं. अस्थाना का नाम विवादों में तब रहा जब वो सीबीआई में स्पेशल डायटेक्टर थे. उनका सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा से विवाद हुआ और मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से रिश्वत लेने के आरोप में अस्थाना पर केस दर्ज हुआ. स्टर्लिंग बायोटेक मामले में भी अस्थाना पर रिश्वत लेने के आरोप लगे. जिसके बाद आलोक वर्मा और अस्थाना दोनों को सीबीआई से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

हालांकि अस्थाना को बाद में सभी आरोपों से क्लीन चिट मिल गयी और उन्हें अकेले डीजी सिविल एविएशन, डीजी बीएसएफ और डायरेक्टर एनसीबी का एक साथ चार्ज दे दिया गया. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब अस्थाना सूरत और बड़ोदरा के कमिश्नर रहे. गोधरा कांड की जांच, सीबीआई में रहते चारा घोटाले की जांच, एनसीबी में रहकर सुशांत सिंह ड्रग्स मामले की जांच में अस्थाना की अहम भूमिका रही. वो कहते हैं, 'अब दिल्ली पुलिस में भी काम टीम वर्क की तरह होगा.'

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बहरहाल विवादों के बीच राकेश अस्थाना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर का कार्यभार संभाल लिया है. अब देखना होगा कि आगे आने वाली चुनैतियों को वो किस तरह संभालते हैं.