पुणे की अदालत ने फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका स्वीकार की

पुणे की अदालत ने फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका स्वीकार की

फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' के एक दृश्य में प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण

मुंबई:

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' में दिवंगत राजा श्रीमंत बाजीराव पेशवा और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए उस पर रोक लगाने की मांग के साथ पुणे की एक अदालत में याचिका दायर की गई है।

याचिकाकर्ता - भारत एगेंस्ट करप्शन नामक एनजीओ चलाने वाले हेमंत पाटिल के वकील वाजिद खान ने बताया कि इस मामले पर पुणे के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसएस भुले की अदालत में 26 नवंबर को सुनवाई होगी।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में दिवंगत राजा बाजीराव पेशवा और उनकी पत्नियों- काशीबाई और मस्तानी के चित्रण के दौरान ऐतिहासिक तथ्यों को गलत रूप से पेश किया गया है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि फिल्म के एक गाने में मशहूर अदाकारा प्रियंका चोपड़ा एवं दीपिका पादुकोण को एक साथ नृत्य करते हुए दिखाया गया है, जो इतिहास के साथ छेड़छाड है। 'पिंगरा' नृत्य मराठी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और उसे फिल्म में आइटम सॉन्ग के रूप में दिखाया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी इस याचिका में भंसाली के अलावा प्रियंका चोपड़ा एवं पादुकोण को भी प्रतिवादी बनाया है।

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पहले बाजीराव पेशवा के वंशज प्रसाद राव पेशवा ने भी आरोप लगाया था कि फिल्म में दिवंगत राजा और उनकी पत्नियों का चित्रण करने में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को पत्र लिखकर इस फिल्म की समीक्षा की मांग की है। यह फिल्म 18 दिसंबर को रिलीज होने वाली है।