हार्दिक पटेल की फाइल तस्वीर
अहमदाबाद:
गुजरात हाईकोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी जमानत की शर्तों में छूट देने की मांग की थी. हार्दिक ने कहा था कि देशद्रोह के दो मामलों में जुलाई, 2016 में उन्हें जमानत देते हुए हाईकोर्ट द्वारा तय की गई शर्तों के अनुसार उन्हें सप्ताह में एक बार अहमदाबाद और सूरत में अपराध शाखा के कार्यालय में पेश होना पड़ता है.
हार्दिक के वकील आईएच सैयद ने कहा कि हर सप्ताह दो शहरों की यात्रा करना असुविधाजनक है. उन्होंने अदालत से शर्तों में छूट देने और हर हफ्ते सिर्फ अहमदाबाद अपराध शाखा के समक्ष पेश होने की अनुमति देने का अनुरोध किया. सरकारी अभियोजक मितेश आमिन ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि शर्तों में बदलाव करना जल्दबाजी होगा. इसके बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी. जमानत की शर्तों के अनुसार हार्दिक गत वर्ष जुलाई में अपनी रिहाई के बाद छह महीने के लिए गुजरात से बाहर रहे. वह पिछले महीने अपने गृह राज्य गुजरात लौटे हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हार्दिक के वकील आईएच सैयद ने कहा कि हर सप्ताह दो शहरों की यात्रा करना असुविधाजनक है. उन्होंने अदालत से शर्तों में छूट देने और हर हफ्ते सिर्फ अहमदाबाद अपराध शाखा के समक्ष पेश होने की अनुमति देने का अनुरोध किया. सरकारी अभियोजक मितेश आमिन ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि शर्तों में बदलाव करना जल्दबाजी होगा. इसके बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी. जमानत की शर्तों के अनुसार हार्दिक गत वर्ष जुलाई में अपनी रिहाई के बाद छह महीने के लिए गुजरात से बाहर रहे. वह पिछले महीने अपने गृह राज्य गुजरात लौटे हैं.
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