फेसबुक मामला: दिल्ली विधानसभा की समिति ने दो पत्रकारों को नोटिस भेजे

पत्रकार प्रबीर पुरकायस्थ और प्रतीक सिन्हा को कार्यवाही के मद्देनजर समिति के समक्ष उपस्थिति के लिए औपचारिक नोटिस भेजा गया

फेसबुक मामला: दिल्ली विधानसभा की समिति ने दो पत्रकारों को नोटिस भेजे

दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति ने जांच के लिए कुछ गवाहों को 12 अक्टूबर 2020 को उपस्थित होने के लिए औपचारिक नोटिस दिया है. ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा की जांच की जानी है. समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से अब तक चार महत्वपूर्ण गवाहों की जांच की गई है, जिनमें प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक परांजॉय गुहा ठाकुर्ता, डिजिटल राइट एक्टिविस्ट निखिल पाहवा, वरिष्ठ पत्रकार अवधेश तिवारी, प्रसिद्ध स्वतंत्र एवं खोजी पत्रकार कुणाल पुरोहित शामिल हैं.

दिल्ली विधानसभा की समिति ने फेसबुक के खिलाफ शिकायत में लगाए गए आरोपों की सावधानी पूर्वक जांच के बाद इस मुद्दे का तत्काल संज्ञान लिया और अपने पूरे तंत्र को तैयार किया. समिति के कामकाज को अत्यधिक पारदर्शी बनाए रखने और अधिक से अधिक सार्वजनिक पहुंच बनाने के लिए पूरी कार्यवाही का लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा.

समिति दिल्ली विधानसभा में आगे की कार्यवाही के लिए 12 अक्टूबर, 2020 को 12 बजे से अपनी बैठक शुरू करेगी. समिति की कार्यवाही सोमवार को भी लाइव स्ट्रीम की जाएगी.

दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के चेयरमैन राघव चड्ढा की अध्यक्षता में समिति ने अपनी पिछली कार्यवाही को जारी रखते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ की गई शिकायतों में लगाए गए आरोपों और गंभीर मामलों के मुद्दों के मद्देनजर कुछ और गवाहों को बुलाने का फैसला किया है. इसके लिए प्रबीर पुरकायस्थ और प्रतीक सिन्हा को संबंधित कार्यवाही के मद्देनजर 12 अक्टूबर 2020 को समिति के समक्ष उपस्थिति के लिए औपचारिक नोटिस भेजा गया है.

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शिकायतों के निराकरण और इस मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेने के उद्देश्य से समिति ने अपनी पिछली बैठकों में कुछ स्वतंत्र और विशेषज्ञ गवाहों की जांच की है, जो फेसबुक के खिलाफ की गई शिकायतों में सार्वजनिक महत्व के गंभीर मामलों के संबंध में है. इसके मद्देनजर, दिल्ली में शांति और सद्भाव बनाए रखने के मौलिक उद्देश्य और औचित्य को पूरा करने के लिए समिति ने शिकायतों के जरिए उठाए गए गंभीर मामले को हल करने का फैसला लिया था और इसके फलस्वरूप दिल्ली विधान सभा की शांति और सद्भाव समिति की तरफ से सामने आए विषयों के अनुरूप त्वरित कार्यवाही शुरू की गई.