दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यमुना की सफाई को लेकर रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम "यमुना संसद" में शामिल होकर यमुना को बचाने के लिए एकजुटता प्रदर्शित की. उन्होंने दिल्ली की जनता के साथ यमुना की स्वच्छता के लिए शपथ भी ली. इस दौरान यमुना की स्वच्छता पर दिल्ली की जनता से चर्चा के साथ-साथ कालिंदी कुंज यमुना घाट के किनारे एक ह्यूमन चेन बनाकर नदी की स्वच्छता के लिए जन भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण संदेश दिया गया. मानव श्रृंखला बनाने का उद्देश्य लोगों का ध्यान यमुना की ओर आकर्षित करना था, ताकि इस नदी को इसके पुराने स्वरूप में लाया जा सके.
इस मौके पर जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, प्रदूषण पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या है, फिर चाहे वायु प्रदूषण हो या जल प्रदूषण. आधुनिकीकरण के साथ हमारे समाज में कुछ समस्याएं भी आईं, जिसमें प्रदूषण भी एक है. मगर अच्छी बात यह है कि कुछ वर्षों से प्रदूषण को लेकर लोगों में और सरकारों में जागरूकता बढ़ रही है. सरकारों द्वारा बजट बनाते समय प्रदूषण के लिए अलग से पैसा दिया जाता है. इसमें पिछले कुछ वर्षों में लोगों ने भी बहुत सहयोग दिया है और समाज में जागरूकता फैलाई है.
उन्होंने कहा कि, पहले बहुत सारी अनाधिकृत कॉलोनियां बिना सीवर नेटवर्क के हुआ करती थीं. ऐसे में सारा सीवरेज यमुना में जाकर गिरता था. लेकिन पिछले कुछ सालों में केजरीवाल सरकार ने बहुत सारी अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क बिछाया है. अगर एक अनाधिकृत कॉलोनी में सीवर नेटवर्क डलता है, तो उस क्षेत्र से निकलने वाला सीवरेज सीधे यमुना में नहीं पहुंचेगा, बल्कि पहले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा और फिर वहां से ट्रीट होकर साफ पानी ही यमुना में जाएगा. यमुना को दोबारा स्वच्छ बनाने की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम है. केजरीवाल सरकार यमुना की स्वच्छता को लेकर युद्ध स्तर पर काम कर रही है और लोगों के सहयोग से यह काम जल्दी हो पाएगा.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, हर राज्य के बड़े शहरों में जहां कोई नदी बहती है, वहां पर प्रदूषण बढ़ता है. क्योंकि फैक्ट्रियों, इंडस्ट्रियों और बड़ी-बड़ी कॉलोनियों का सारा सीवरेज नदियों में डालने की एक रिवायत रही है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. यहां साल 2014 में केवल 220 अनाधिकृत कालोनियों में ही सीवर लाइन डली थी, आज 832 अनाधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन डल चुकी है. अब उनका सीवरेज यमुना में नहीं गिरता. इसी तरह से पहले सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों में करीब 350 एमजीडी सीवेज साफ हुआ करता था, लेकिन केजरीवाल सरकार के अथक प्रयासों से आज यह बढ़कर करीब 550 एमजीडी हो गया है और 2025 तक दिल्ली में एसटीपी की क्षमता बढ़कर करीब 900 एमजीडी हो जाएगी. इसका मतलब कि दिल्ली की कॉलोनियों का सीवेज सीधे सीधे यमुना में नहीं गिरेगा, बल्कि सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट होगा. जिन कॉलोनियों में कभी सीवर लाइन नहीं डली थी, आज उनमें सीवर लाइन डाली जा रही है. यह काम बड़ा है और केजरीवाल सरकार द्वारा इसे समयसीमा के अंदर पूरा किया जाएगा. साल 2025 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि यमुना को साफ करना दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इसी के मद्देनजर साल 2021 में मुख्यमंत्री द्वारा बताए गए छह सूत्रीय एक्शन प्लान पर दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है. इस एक्शन प्लान के तहत केजरीवाल सरकार सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों की क्षमता बढ़ाने, दिल्ली में मुख्य गंदे नालों को ट्रैप कर वहीं साफ करने, हर घर को सीवर का कनेक्शन देकर सीवर नेटवर्क से जोड़ने, झुग्गी झोपड़ी के सीवर को नालियों में बहाने से रोकने व सीवर से जोड़ने और सीवर की डिसिल्टिंग को मजबूत करने में जुटी है.
यमुना में गंदगी का सबसे बड़ा कारण नाले है, अब इन नालों में से ज़्यादातर नालों का सीवेज यमुना में नहीं जाता, बल्कि एसटीपी में ट्रीट होता है. सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली सरकार यमुना की सफाई की दिशा में आगे बढ़ रही है और इसके परिणाम यमुना में धीरे-धीरे दिखने लगे हैं.
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