
- दिल्ली पुलिस ने कैंट इलाके में हुए BMW एक्सीडेंट केस में सबूत नष्ट करने की धारा भी FIR में जोड़ी है
- हादसे के बाद नवजोत सिंह जिंदा थे, लेकिन आरोपी महिला ने पास के अस्पताल ले जाने से इंकार किया
- नवजोत की पत्नी ने बार-बार पास के अस्पताल ले जाने की गुजारिश की, लेकिन आरोपी महिला ने नहीं सुनी
दिल्ली पुलिस ने कैंट इलाके में हुए बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट केस में बड़ा एक्शन लिया है. दिल्ली पुलिस ने आरोपी बीएमडब्ल्यू कार चालक के खिलाफ एफआईआर में सबूतों को नष्ट और छुपाने की धारा भी जोड़ी है. अब इस मामले की पुलिस में दर्ज की गई एफआईआर भी सामने आई है, जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं. एक्सीडेंट के बाद पुलिस में दर्ज की गई FIR के मुताबिक हादसे के बाद नवजोत सिंह जिंदा थे. नवजोत की पत्नी ने आरोपी महिला से पास के अस्पताल में ले जाने की गुजारिश की थी, लेकिन फिर उसने उनकी एक नहीं सुनी.

हादसे की खौफनाक आपबीती
पुलिस के पास एफआईआर में जिक्र है कि लेकिन आरोपी जान बूझकर नवजोत को अपने परिचित के 19 किलोमीटर दूर अस्पताल ले कर गई. FIR में दर्ज बयान में लिखा है कि BMW ड्राइव कर रही महिला काफ़ी तेज रफ़्तार से गाड़ी को चला रही थी. इसी दौरान उसने गाड़ी से कंट्रोल खोया और सीधे बाइक को टक्कर मार दी. एफआईआर में मृतक की पत्नी ने बताया कि मैं और मेरे पति मोटरसाइकिल से लंच करके घर लौट रहे थे. हम धौला कुआं से दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन की तरफ रिंग रोड पर जा रहे थे. मैं पीछे बैठी थी, मेरे पति बाइक चला रहे थे. मैंने हेलमेट पहना था, मेरे पति ने पगड़ी बांध रखी थी. तभी पीछे से एक नीले रंग की BMW गाड़ी तेज और लापरवाही से आई और हमारी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी.

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बार-बार नजदीक के अस्पताल जाने को कहा
टक्कर के बाद हम दोनों सड़क पर गिर गए. मेरे पति को सिर, मुंह और टांगों पर गंभीर चोटें आईं. मुझे हाथ और पैरों में कई फ्रैक्चर हुए, सिर पर चोट लगी और 14 टांके लगे. BMW एक लड़की चला रही थी, जिसने अपनी गाड़ी इतनी तेज चलाई कि वह पलट गई. उस लड़की ने हमें पास के अस्पताल ले जाने की बजाय दूर GTB नगर के छोटे अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया मैं बार‑बार उससे अनुरोध करती रही कि हमें पास के अस्पताल ले चलो, ताकि जल्दी इलाज मिल सके, लेकिन उसने नहीं सुनी. बाद में अस्पताल में मेरे बेटे और परिचितों ने आकर हमें वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया. उस लड़की ने अपना नाम गगनप्रीत कौर बताया
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