मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल जिस तिराहे पर अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाई गई है वहां पर पहले शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति थी, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देकर तीन साल पहले चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति को वहां से हटा दिया गया था. इस मामले में पूर्व मंत्री और नरेला से बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि हम भोपाल में टीटी नगर चौराहे पर स्वर्गीय चंद्र शेखर आजाद की प्रतिमा के स्थान पर स्वर्गीय अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाने का घोर विरोध करते हैं और आपत्ति दर्ज कराते हैं.
सारंग ने कहा है कि यहां हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें स्वर्गीय अर्जुन सिंह की प्रतिमा की स्थापना पर कोई आपत्ति नहीं है, किंतु पूर्व से स्थापित क्रांतिकारी स्वर्गीय चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा के स्थान पर लगाई गई प्रतिमा का विरोध करते हैं. विश्वास सारंग ने मुख्यमंत्री से मांग की कि सीएम आज़ाद की प्रतिमा फिर से स्थापित करने संबंधी निर्देश जारी करें.
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर कहा 'महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के साथ ऐसा कृत्य, मध्यप्रदेश शर्मिंदा है. इस दुस्साहस के लिए दोषियों को तत्काल कड़ी से कड़ी सजा और उचित सम्मान के साथ मां भारती के सपूत की प्रतिमा पुनः स्थापित हो, अन्यथा देश स्वयं को कभी माफ न कर सकेगा.'
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इस मामले में पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि पता नहीं पूर्व सीएम शिवराज जी को आजकल सलाह कौन दे रहा है. बगैर तथ्य जाने कुछ भी आरोप लगा देते हैं, कुछ भी ट्वीट कर देते हैं. अब ट्वीट कर रहे हैं कि महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद की भोपाल के लिंक रोड नंबर 1 पर से प्रतिमा हटाने का कृत्य, दुस्साहस किसने किया, प्रदेश शर्मिंदा है. जबकि सच्चाई यह है कि उनकी सरकार में, उनकी निगम परिषद ने ही तीन वर्ष पूर्व यह प्रतिमा हटाने का दुस्साहस किया था. तीन वर्ष से यह चौराहा रिक्त था, जिस पर एक वर्ष पूर्व महापौर परिषद व निगम परिषद ने स्वर्गीय अर्जुन सिंह जी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पास किया था. इसी निर्णय का पालन हो रहा है.
हालांकि बीजेपी नेता और मेयर आलोक शर्मा ने इस आरोप को नकारते हुए कहा, "अर्जुन सिंह की प्रतिमा स्थापित करने का स्थान कांग्रेस नेताओं और बीएमसी अधिकारियों द्वारा तय किया गया था. उन्होंने मुझसे कभी सलाह नहीं ली, लेकिन बीएमसी आयुक्त बी विजय दत्ता ने कहा कि महापौर को इस मुद्दे से अवगत कराया गया था कि यातायात स्थिति में सुधार और सड़क विस्तार के लिए प्रतिमा को हटाया जा रहा है.
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तीन साल पहले, भोपाल के विभिन्न स्थानों से पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय शंकर दयाल शर्मा और महाराजा अग्रसेन की मूर्तियों सहित अन्य प्रतिमाओं के साथ चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को बेहतर सड़क यातायात प्रबंधन के नाम पर अलग-अलग स्थानों से हटा दिया गया था.
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