सबरीमाला मंदिर की फाइल तस्वीर
सबरीमाला (केरल):
भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण रविवार शाम 'मामूली भगदड़' मचने से आंध्र प्रदेश के कम से कम 17 श्रद्धालु घायल हो गए. इनमें से दो की हालत गंभीर है.
पथानामथिट्टा की जिलाधिकारी आर गिरिजा ने बताया कि भारी भीड़ के कारण सन्निधानम और मल्लिकापुरा के बीच रस्सी से बना बैरिकेड टूट गया और रस्सी का सहारा लिए हुए खड़े लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े.
उन्होंने बताया कि घायलों को पहले सन्निधानम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से गंभीर रूप से घायल दो को कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जबकि तीन अन्य को पद्मा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उन्होंने बताया कि 41 दिन के मंडला पूजा की समाप्ति से पहले यहां काफी भीड़ थी.
उन्होंने बताया कि मंडला पूजा में भगवान अयप्पा द्वारा पहने जाने वाले पवित्र गहनों 'थंगा अंगि' को मंदिर में पहुंचाने के लिए एक यात्रा निकाली गई थी, जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मंडला पूजा से चार दिन पहले यह यात्रा अरनमाला के श्री पार्थसारथी मंदिर से शुरू की जाती है.
देवास्वम् मंत्री कडाकंपाली सुरेन्द्रन ने बताया कि थंगा अंगि लाए जाने के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी. उन्होंने बताया कि भगदड़ से पहले वह मंदिर में थे और थंगा अंगि की दीप आराधना के बाद वह वहां से निकल गए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पथानामथिट्टा की जिलाधिकारी आर गिरिजा ने बताया कि भारी भीड़ के कारण सन्निधानम और मल्लिकापुरा के बीच रस्सी से बना बैरिकेड टूट गया और रस्सी का सहारा लिए हुए खड़े लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े.
उन्होंने बताया कि घायलों को पहले सन्निधानम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से गंभीर रूप से घायल दो को कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जबकि तीन अन्य को पद्मा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उन्होंने बताया कि 41 दिन के मंडला पूजा की समाप्ति से पहले यहां काफी भीड़ थी.
उन्होंने बताया कि मंडला पूजा में भगवान अयप्पा द्वारा पहने जाने वाले पवित्र गहनों 'थंगा अंगि' को मंदिर में पहुंचाने के लिए एक यात्रा निकाली गई थी, जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मंडला पूजा से चार दिन पहले यह यात्रा अरनमाला के श्री पार्थसारथी मंदिर से शुरू की जाती है.
देवास्वम् मंत्री कडाकंपाली सुरेन्द्रन ने बताया कि थंगा अंगि लाए जाने के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी. उन्होंने बताया कि भगदड़ से पहले वह मंदिर में थे और थंगा अंगि की दीप आराधना के बाद वह वहां से निकल गए.
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