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This Article is From Oct 10, 2015

सुशील महापात्रा की नजर से : क्या कहते हैं पटना के पोस्टर

सुशील महापात्रा की नजर से : क्या कहते हैं पटना के पोस्टर
चुनावी पोस्टरों, होर्डिंगों से पटा पटना शहर।
पटना: इन दिनों यदि आप बिहार की राजधानी पटना पहुंचें तो वहां कुछ अलग सा बदला हुआ शहर नजर आएगा। अलग-अलग रंगीन पोस्टरों ने पटना को अपने कब्जे में ले लिया है। एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन तक, गांधी मैदान से लेकर मीठापुर तक हर जगह पोस्टर ही पोस्टर देखने को मिलेंगे। इन पोस्टरों को देखने के बाद आपको पता चल जाएगा कि बिहार के चुनाव को लेकर सभी पार्टियां कितनी गंभीर हैं। हालांकि ऐसे पोस्टर पटना के अलावा किसी दूसरे जिले में इतनी बड़ी तादाद में देखने को नहीं मिलेंगे। ऐसा लगता है राजनातिक पार्टियां पटना के जरिए और मीडिया को माध्यम बनाकर लोगों के पास पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
पोस्टर में महिला सशक्तिकरण।

पटना में लगा हर पोस्टर कुछ न कुछ बयां करता है। पोस्टरों में तो ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक दल बिहार के विकास और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि असलियत में राजनेता एक दूसरे को कैसे घेर रहे हैं, किसी तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह सब आजकल मीडिया में छाया हुआ है।
सिर्फ भाजपा...एनडीए के बाकी दल नदारद।

हम साथ साथ है लेकिन पोस्टर में अलग
पटना की पोस्टरों को देखकर आपको समझ में नहीं आएगा कि एनडीए और महागठबंधन में शामिल दल मिलजुलकर चुनाव लड़ रहे हैं या अलग-अलग। बीजेपी के पोस्टरों में अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिवा बिहार का कोई भी नेता नजर नहीं आ रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि एनडीए के घटक दलों के नेताओं की तस्वीरें भी इन पोस्टरों में जगह नहीं बना पाई हैं।
  पोस्टर में लोजपा के रामविलास और चिराग पासवान, एनडीए गायब।

नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ रामविलास पासवान या जीतनराम मांझी एक साथ नजर नहीं आ रहे हैं। रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की तरफ से जो भी पोस्टर लगाया गया है उसमें रामविलास पासवान, उनके बेटे चिराग पासवान और उनकी पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के सिवा घटक दलों का कोई भी नेता नहीं है, चाहे वह नरेंद्र मोदी हो या अमित शाह या फिर जीतन राम माझी।
 महागठबंधन से अलग अकेले नीतीश कुमार।

जनता दल यूनाइटेड के पोस्टरों में नीतीश कुमार को सबसे ज्यादा जगह मिली है। उनके साथ पार्टी का कोई भी दूसरा नेता दिखाई नहीं दे रहा है। बहुत कम पोस्टर ऐसे हैं जिनमें नीतीश के साथ महागठबंधन के अन्य नेता जैसे सोनिया गांधी और लालू प्रसाद यादव हैं। हर बड़े पोस्टर में सिर्फ नीतीश कुमार ही छाए हुए हैं।   
चुनाव में महागठबंधन, लेकिन होर्डिंग में सिर्फ राजद..लालू और राबड़ी देवी।

 पटना की पोस्टर प्रतियोगिता में लालू प्रसाद यादव लगभग गायब हैं। पटना शहर में राजद के ज्यादा होर्डिंग नहीं हैं। राजद के कुछ गिने-चुने होर्डिंग लगे हैं जिनमें महागठबंधन के दूसरे नेता जैसे नीतीश कुमार और सोनिया गांधी नदारद हैं।
 महिला उत्पीड़न बना मुद्दा।

बिहार विधानसभा चुनाव में गैर भारतीय जनता पार्टी और गैर कांग्रेस दलों द्वारा बनाए गए तीसरे मोर्चे के पोस्टरों में बड़े नेताओं की तस्वीरें लगभग गायब हैं। मुलायम सिंह यादव और तारिक अनवर जैसे नेता भी तीसरे मोर्चे के पोस्टरों में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। कुछ जगह पप्पू यादव के पोस्टर जरूर लगे हैं।

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