टीटीवी दिनाकरन.
चेन्नई:
सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के अम्मा धड़े के नेता टीटीवी दिनाकरण ने पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलायी है. यह कदम मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी की अगुवाई वाले तमिलनाडु कैबिनेट के उनके खिलाफ बगावत करने के बाद उठाया गया है. प्रतिद्वंद्वी ओ पनीरसेल्वम गुट के सूत्रों ने बताया कि भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा के लिए इस धड़े ने भी यहां अलग बैठक बुलायी है.
पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले शशिकला के समर्थकों के एक प्रभावशाली धड़े ने कल रात नाटकीय घोषणा करते हुये पार्टी और सरकार के कामकाज से महासचिव और उप महासचिव दिनाकरण को अलग करने की बात कही और कहा कि लोग और पार्टी के कार्यकर्ता उनके खिलाफ हैं.
पिछले साल दिसंबर में पार्टी सुप्रीमो जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक में यह दूसरा विद्रोह है. पनीरसेल्वम ने फरवरी में शशिकला पर जबरन इस्तीफा दिलवाने का आरोप लगाते हुए बगावत कर दी थी.
अब तमिलनाडु में यह पार्टी तीन धड़ों- पलानीस्वामी, पनीरसेल्वम और दिनाकरण गुट में बंट गयी है. दिनाकरण शशिकला का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद हैं. इस मामले में जयललिता मुख्य अभियुक्त थीं.
पलानीस्वामी के घर में बैठक के बाद विद्रोह की घोषणा करने वाले वित्त मंत्री डी जयकुमार ने दावा किया कि शशिकला के परिवार को अलग रखने का निर्णय ‘सर्वसम्मति’ से लिया गया है. हालांकि कुछ विधायकों ने दिनाकरण के प्रति वफादारी का संकल्प लेते हुए मंत्रियों के कदम पर सवाल उठाया. कथित घूस मामले में दिल्ली पुलिस के रडार पर आए दिनाकरण ने पार्टी विधायकों और जिला सचिवों की आज दिन में बैठक बुलायी है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वह मंत्रियों के विद्रोह के बाद पैदा हुई स्थिति पर चर्चा करेंगे. पी वेत्रिवल और थंगा तमिलसेलवन सहित छह विधायकों ने दिनाकरण को खुलकर अपना समर्थन दिया है जिनके घर पर आज तड़के तक काफी चहल-पहल देखने को मिली.
नांजिल संपत और तमिल मगन हुसैन जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित उनके समर्थकों ने उनके साथ चर्चा की. हालांकि दिनाकरण ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करने के शुरूआती संकेत देने के बावजूद इंतजार कर रहे पत्रकारों साथ बातचीत नहीं की.
पनीरसेल्वम गुट भी वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक करेगा. पनीरसेल्वम गुट द्वारा शशिकला और दिनाकरण को बाहर करने की शर्त पर दोनों गुटों के विलय पर चर्चा शुरू करने पर यह विद्रोह सामने आया है.
पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले शशिकला के समर्थकों के एक प्रभावशाली धड़े ने कल रात नाटकीय घोषणा करते हुये पार्टी और सरकार के कामकाज से महासचिव और उप महासचिव दिनाकरण को अलग करने की बात कही और कहा कि लोग और पार्टी के कार्यकर्ता उनके खिलाफ हैं.
पिछले साल दिसंबर में पार्टी सुप्रीमो जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक में यह दूसरा विद्रोह है. पनीरसेल्वम ने फरवरी में शशिकला पर जबरन इस्तीफा दिलवाने का आरोप लगाते हुए बगावत कर दी थी.
अब तमिलनाडु में यह पार्टी तीन धड़ों- पलानीस्वामी, पनीरसेल्वम और दिनाकरण गुट में बंट गयी है. दिनाकरण शशिकला का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद हैं. इस मामले में जयललिता मुख्य अभियुक्त थीं.
पलानीस्वामी के घर में बैठक के बाद विद्रोह की घोषणा करने वाले वित्त मंत्री डी जयकुमार ने दावा किया कि शशिकला के परिवार को अलग रखने का निर्णय ‘सर्वसम्मति’ से लिया गया है. हालांकि कुछ विधायकों ने दिनाकरण के प्रति वफादारी का संकल्प लेते हुए मंत्रियों के कदम पर सवाल उठाया. कथित घूस मामले में दिल्ली पुलिस के रडार पर आए दिनाकरण ने पार्टी विधायकों और जिला सचिवों की आज दिन में बैठक बुलायी है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वह मंत्रियों के विद्रोह के बाद पैदा हुई स्थिति पर चर्चा करेंगे. पी वेत्रिवल और थंगा तमिलसेलवन सहित छह विधायकों ने दिनाकरण को खुलकर अपना समर्थन दिया है जिनके घर पर आज तड़के तक काफी चहल-पहल देखने को मिली.
नांजिल संपत और तमिल मगन हुसैन जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित उनके समर्थकों ने उनके साथ चर्चा की. हालांकि दिनाकरण ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करने के शुरूआती संकेत देने के बावजूद इंतजार कर रहे पत्रकारों साथ बातचीत नहीं की.
पनीरसेल्वम गुट भी वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक करेगा. पनीरसेल्वम गुट द्वारा शशिकला और दिनाकरण को बाहर करने की शर्त पर दोनों गुटों के विलय पर चर्चा शुरू करने पर यह विद्रोह सामने आया है.
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