अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने आज अपने विड़िन्यम पोर्ट पर पहले मदर शिप सैन फर्नांडो के आने के बाद उसका भव्य स्वागत किया. इस खास मौके पर एक उद्घाटन समारोह रखा गया.यह कार्यक्रम ऐतिहासिक है क्योंकि यह ग्लोबल ट्रांसशिपमेंट में भारत के समुद्री इतिहास में एक नए युग का प्रतीक है, जिसने विड़िन्यम को इंटरनेशनल ट्रेड रूट मैप में महत्वपूर्ण स्थान दिया है.
इस कार्यक्रम का उद्घाटन केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने किया और केरल के पोर्ट मंत्री वी.एन.वासवन ने सभा की अध्यक्षता की. केंद्रीय पोर्ट, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि थे. इस दौरान अदाणी पोर्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदाणी भी मौजूद थे.
विड़िन्यम पोर्ट भारतीय समुद्री इतिहास में नई गौरवशाली उपलब्धि का प्रतीक
विड़िन्यम पोर्ट के बारे में बात करते हुए एपीएसईजेड के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदाणी ने कहा, “सैन फर्नांडो - अब हमारे बंदरगाह पर मौजूद है, यह भारतीय समुद्री इतिहास में एक नई, गौरवशाली उपलब्धि का प्रतीक है. यह एक संदेशवाहक है जो दुनिया को बताएगा कि भारत के पहले ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल और सबसे बड़े वॉटर पोर्ट ने कमर्शियल ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
विड़िन्यम दुनिया के सबसे एडवांस ट्रांसशिपमेंट पोर्ट में से एक होगा: करण अदाणी
पोर्ट के अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "भारत में किसी भी दूसरे पोर्ट के पास ये टेक्नोलॉजी नहीं हैं. हमने यहां दक्षिण एशिया की सबसे एडवांस कंटेनर हैंडलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है एक बार जब हम ऑटोमेशन और वैसल ट्रैफिक मैनेजमेंट को पूरा कर लेंगे तो विड़िन्यम दुनिया के सबसे एडवांस ट्रांसशिपमेंट पोर्ट में से एक होगा."
किसी भी पोर्ट के पास विड़िन्यम में इस्तेमाल टेक्नोलॉजी नहीं
अदाणी पोर्ट्स एंड SEZ के CEO करण अदाणी ने कहा कि हमने विड़िन्यम पोर्ट में मोस्ट एडवांस पोर्ट सिस्टम्स और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है. किसी भी पोर्ट, यहां तक कि मुंद्रा पोर्ट के पास भी विड़िन्यम में इस्तेमाल टेक्नोलॉजी नहीं है. अदाणी पोर्ट ने इसमें 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
विड़िन्यम पोर्ट इन एडवांस पोर्ट सिस्टम्स और टेक्नोलॉजी से लैस
- इस पोर्ट पर 8 शिप टु शोर क्रेन हैं.
- 23 कैंटिलीवर रेल माउंनटेड कैंटी क्रेन्स हैं.
- कैंटिलीवर रेल माउंनटेड कैंटी क्रेन्स पूरी तरह ऑटोमेटेड हैं
- शिप टु शोर क्रेन सेमी आटोमेटेड हैं.
- मुंद्रा पोर्ट में भी इस तरह की एडवांस क्रेन्स नहीं हैं.
- साउथ एशिया में मोस्ट एडवांन्स्ड कंटेनर हैंडलर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है.
भारत के पहले ऑटोमेटेड पोर्ट की हुई शुरुआत
विड़िन्यम पोर्ट अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ भारत के पहले ऑटोमेटेड पोर्ट की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो अपने आधुनिक कंटेनर हैंडलिंग इक्विपमेंट और वर्ल्ड क्लास ऑटोमेशन समेत आईटी सिस्टम के साथ बड़े जहाजों को संभालने में सक्षम है. 8,000-9,000 टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाइयां) की क्षमता वाला मेर्स्क द्वारा संचालित 300 मीटर लंबा कंटेनर जहाज सैन फर्नांडो, लगभग 2,000 कंटेनरों को उतारने और 400 कंटेनर आवाजाही के लिए पोर्ट पर सेवाओं का लाभ उठाएगा.
विड़िन्यम भारत में ट्रांसशिप रुट को आसान बनाएगा
वर्तमान में, भारत का 25% कंटेनर ट्रैफ़िक इस समुद्री रास्ते से ट्रांसशिप किया जाता है. अब तक, दुनिया के साथ भारत के बढ़ते व्यापार के बावजूद, देश में एक समर्पित ट्रांसशिपमेंट पोर्ट नहीं था, इस वजह से भारत का तीन-चौथाई या 75% ट्रांसशिप्ड कार्गो भारत के बाहर के पोर्ट से कंट्रोल होता था.
विड़िन्यम, न सिर्फ भारत में ट्रांसशिप रुट को आसान बनाएगा, बल्कि रणनीतिक रूप से स्थित पोर्ट्स को भारत से जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग, जैसे अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप के साथ ट्रांसपोर्टेशन को संभालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं