 
                                            - स्विगी का रेवेन्यू 4% बढ़कर 5,561 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन घाटा भी बढ़कर 1,092 करोड़ रुपये हो गया
- जोमैटो की परिचालन आय 183% बढ़कर 13,590 करोड़ रुपये पहुंची और 65 करोड़ रुपये का लाभ हुआ
- वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में जोमैटो ने स्विगी को पीछे छोड़ दिया है, जिसमें मुनाफा और आय दोनों बेहतर हैं
देश के फूड एग्रीगेटर और क्विक कॉमर्स डिलीवरी सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato)ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के नतीजे पेश कर दिए हैं. नतीजों ने दोनों कंपनियों के मुकाबले की तस्वीर स्पष्ट कर दी है. सितंबर तिमाही में जहां स्विगी के रेवेन्यू यानी आय में अच्छी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उसके घाटे भी बढ़ते जा रहे हैं, वहीं प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो रिकॉर्ड रेवेन्यू और मुनाफे के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है.
स्विगी के दूसरी तिमाही के नतीजे
स्विगी ने सितंबर 2025 को समाप्त हुई तिमाही (Q2 FY26) के लिए 1,092 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा (Consolidated Net Loss) दर्ज किया है. पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 626 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जिसका मतलब है कि घाटा काफी बढ़ा है. हालांकि, पिछली तिमाही (Q1 FY26) के 1,197 करोड़ रुपये के घाटे से ये थोड़ा कम हुआ है.

स्विगी की कुल आय (रेवेन्यू) पिछले साल की तुलना में 54 फीसदी बढ़कर 5,561 करोड़ रुपये हो गई है, जो पिछले साल 3,601 करोड़ रुपये थी. तिमाही-दर-तिमाही आधार पर, ऑर्डर की संख्या में बढ़ोतरी और क्विक कॉमर्स वर्टिकल 'इंस्टामार्ट' के लगातार विस्तार के कारण आय में 12 फीसदी का ग्रोथ दिखा.
हालांकि इन सभी लाभों के विपरीत खर्चों में हुई भारी बढ़ोतरी ने कंपनी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. कुल खर्च पिछले साल के 4,309 करोड़ रुपये से 56 फीसदी बढ़कर 6,711 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछली तिमाही से 7.5 फीसदी ज्यादा है. विज्ञापन और सेल्स इंसेंटिव, डिलीवरी से संबंधित शुल्क और इंस्टामार्ट के लिए स्टॉक खरीदने पर हुए खर्चों ने लागत का दबाव बढ़ाया.
जोमैटो (इटरनल) की दूसरी तिमाही के नतीजे
जोमैटो की मूल कंपनी इटरनल (Eternal) ने FY26 की दूसरी तिमाही में 65 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है. हालांकि, ये पिछले साल के 176 करोड़ रुपये के मुनाफे से 63 फीसदी कम है, लेकिन पिछली तिमाही (Q1) के 25 करोड़ रुपये के मुनाफे से 160 फीसदी ज्यादा है.
कंपनी की परिचालन आय (Revenue from operations) पिछले साल के 4,799 करोड़ रुपये से 183 फीसदी बढ़कर 13,590 करोड़ रुपये हो गई है, और यह स्विगी की आय से लगभग ढाई गुना है. तिमाही-दर-तिमाही आधार पर भी आय में 90 फीसदी की वृद्धि हुई है.

जोमैटो की क्विक कॉमर्स ब्रांच, ब्लिंकिट (Blinkit) ने भी जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है. इसकी शुद्ध ऑर्डर वैल्यू (Net Order Value) पिछले साल से 137 फीसदी और पिछली तिमाही से 27 फीसदी बढ़ी है, जो कि इसकी पिछले 10 तिमाहियों में सबसे अच्छी परफॉरमेंस है.
ब्लिंकिट का EBITDA घाटा पिछली तिमाही के 162 करोड़ रुपये से कम होकर 156 करोड़ रुपये रह गया है, जबकि समायोजित EBITDA मार्जिन (Adjusted EBITDA margin) में सुधार आया है.
फूड डिलीवरी सेगमेंट में भी सुधार देखा गया है, जिसकी NOV यानी नेट ऑर्डर वैल्यू में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और मुनाफा रिकॉर्ड 5.3 फीसदी तक पहुंच गया है. इस तिमाही में इटरनल ने 272 नए ब्लिंकिट स्टोर और 39 लाख नए मासिक ग्राहक जोड़े.
जोमैटो या स्विगी में कौन आगे?

दोनों कंपनियों के नतीजों से स्पष्ट है कि FY26 के Q2 में जोमैटो ने स्विगी को पछाड़ दिया है. स्विगी की आय 5,561 करोड़ रुपये रही, जबकि जोमैटो की 13,590 करोड़ रुपये रही. स्विगी को 1,092 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि जोमैटो ने 65 करोड़ रुपये का लाभ कमाया. स्विगी के खर्च बहुत तेजी से बढ़े, जबकि जोमैटो ने अपने मार्जिन में सुधार किया और मुनाफे में वृद्धि दर्ज की.
क्विक कॉमर्स की बात करें तो स्विगी का इंस्टामार्ट अभी भी घाटे में है, जबकि जोमैटो के ब्लिंकिट ने अपने घाटे को कम किया है. आंकड़े साफ दिखाते हैं कि जोमैटो अपनी रणनीति में अधिक सफल रहा है, जबकि स्विगी को अपने बढ़ते घाटे पर काबू पाने के लिए अभी और मेहनत करनी होगी.
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