
वित्त वर्ष 2024-25 शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ. इस दौरान भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली और निवेशकों की संपत्ति में कुल 25.90 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. हालांकि, वित्त वर्ष के आखिरी दिन बाजार में थोड़ी गिरावट देखी गई, लेकिन पूरे साल के प्रदर्शन को देखें तो यह साल निवेशकों के लिए फायदे का सौदा रहा.
सेंसेक्स-निफ्टी में जबरदस्त बढ़त
बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ही इस वित्त वर्ष में शानदार बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहे.सेंसेक्स पूरे वित्त वर्ष में 3,763.57 अंक (5.10%) उछला.निफ्टी ने भी 1,192.45 अंक (5.34%) की छलांग लगाई.हालांकि, 28 मार्च 2025 को वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी दिन बाजार में गिरावट देखी गई. सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद 191.51 अंक की गिरावट के साथ 77,414.92 के स्तर पर बंद हुआ.
कंपनियों के मार्केट कैप में भी इजाफा
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) इस वित्त वर्ष में 25.90 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 4,12,87,646.50 करोड़ रुपये (4.82 लाख करोड़ डॉलर) हो गया. यह इस बात का संकेत है कि पूरे साल निवेशकों ने बाजार में जमकर पैसा लगाया और उनका भरोसा मजबूत बना रहा.
उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कुछ कंपनियों के उम्मीद से कमतर प्रदर्शन की वजह से बाजार पर दबाव बना. इसके अलावा, अमेरिका में नई सरकार के नीतिगत फैसलों से बाजार में अस्थिरता भी बढ़ी.
सेंसेक्स ने बनाया था रिकॉर्ड, फिर आई सुस्ती
वित्त वर्ष के दौरान सेंसेक्स ने 27 सितंबर 2024 को 85,978.25 का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छुआ था. लेकिन, इसके बाद बाजार में सुस्ती आने लगी.अक्टूबर 2024 में सेंसेक्स 4,910.72 अंक (5.82%) तक गिर गया था.विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली और शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन की चिंताओं के कारण बाजार में मंदी देखी गई.
IPO और खुदरा निवेशकों की भागीदारी बनी से बाजार को मिली मजबूती
इस पूरे वित्त वर्ष में खुदरा निवेशकों ने भारी मात्रा में बाजार में निवेश किया, जिससे बाजार में सकारात्मकता बनी रही. इसके अलावा, कई बड़ी कंपनियों के IPO (Initial Public Offering) आने और शानदार लिस्टिंग ने भी निवेशकों का भरोसा मजबूत किया.
अगले वित्त वर्ष से क्या उम्मीदें?
वित्त वर्ष 2024-25 के दमदार प्रदर्शन के बाद अब निवेशकों को नए वित्त वर्ष 2025-26 से भी काफी उम्मीदें हैं. हालांकि, वैश्विक बाजारों में जारी उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों का रुख इस पर असर डाल सकता है. लेकिन अगर खुदरा निवेशक इसी तरह बाजार में भरोसा बनाए रखते हैं, तो आने वाला समय भी शेयर बाजार के लिए अच्छा साबित हो सकता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं