आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने शुक्रवार को कहा कि अंतरिम बजट में गैर-मुद्रास्फीतिकारी प्रस्तावों से अगले वित्त वर्ष में लगातार चौथे साल सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी. हालांकि सेठ ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में भू-राजनीतिक तनाव से बाहरी जोखिम पैदा होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि अगले साल करीब सात प्रतिशत की वृद्धि दर काफी हद तक संभव है.
भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी-प्रभावित 2020-21 में 5.8 प्रतिशत सिकुड़ने के बाद अगले वर्ष 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. वर्ष 2022-23 में यह 7.2 प्रतिशत रही और चालू वित्त वर्ष में इसके 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान है.
सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. यह चालू वित्त वर्ष के लिए 9.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने कुल खर्च को नियंत्रण में रखने के लिए विवेकपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, 'सरकार तीन साल पहले वित्त मंत्री द्वारा घोषित राजकोषीय मजबूती मार्ग पर चल रही है. हम देख रहे हैं कि राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत तक आ जाएगा.'
सचिव ने कहा कि कर संग्रह में उछाल और व्यय का यथार्थवादी अनुमान राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर रखने के यथार्थवादी लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा.
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