
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा आने वाले समय में विकास दर को गति देने के लिए रेपो रेट में (Repo Rate Cut) 25-50 बेसिस प्वॉइंट्स तक की कटौती की जा सकती है. इसके अलावा, लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय भी लागू किए जा सकते हैं. यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, "फरवरी में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान रेपो रेट में कटौती चक्र की शुरुआत उम्मीद के मुताबिक रही. MPC के मिनट्स से पता चलता है कि अधिकांश सदस्यों के विचारों में व्यापक समानता थी."
रेपो रेट 5.7 प्रतिशत तक घटने की संभावना
रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि केंद्रीय बैंक द्वारा आने वाले समय में रेपो रेट को 25-50 बेसिस प्वॉइंट्स घटाकर 5.7 प्रतिशत किया जा सकता है. फरवरी की बैठक के मिनट्स में सदस्यों की राय में समानता दिखाई दी और सभी ने विकास को समर्थन देने के लिए रेपो रेट में कटौती की आवश्यकता पर जोर दिया.
रेपो रेट में कितनी हो सकती है कटौती?
कोटक रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रुपये की कमजोरी के प्रति RBI की बढ़ती सहनशीलता और 4 प्रतिशत के महंगाई लक्ष्य की ओर बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए वित्त वर्ष 2026 में रेपो रेट में 25-50 बेसिस प्वॉइंट्स की और कटौती की उम्मीद है.
वहीं, क्रिसिल ने उम्मीद जताई है कि RBI वित्त वर्ष 2025-26 में रेपो रेट में 50-75 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती कर सकता है.
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की थी, और आने वाले समय में और 50 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की संभावना है.
रेपो रेट में कटौती से विकास को मिलेगी रफ्तार
देश की विकास दर को रफ्तार देने के लिए इस महीने की शुरुआत में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वॉइंट्स घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि महंगाई में गिरावट आई है और इसके धीरे-धीरे RBI के लक्ष्य के अनुरूप होने की उम्मीद है.
रेपो रेट की समीक्षा के लिए 5 फरवरी से 7 फरवरी तक RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक हुई थी, जिसके निर्णय का ऐलान RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा किया गया. करीब पांच सालों के बाद केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है.
मई 2020 के बाद पहली बार घटी रेपो रेट
RBI द्वारा रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी के बाद यह 6.25 प्रतिशत पर आ गई है, जो पहले 6.50 प्रतिशत थी. इससे पहले, RBI ने मई 2020 में रेपो रेट को घटाकर 4 प्रतिशत किया था. विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में और कटौती से लोन सस्ते होंगे, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और विकास दर को मजबूती मिलेगी.
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