
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को बताया कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम की वजह से 2014-15 से जनवरी 2025 तक किसानों को एक लाख चार हजार करोड़ रुपये से अधिक का शीघ्र भुगतान हुआ. इस दौरान एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत भी हुई है.उन्होंने बताया कि सार्वनजिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 19.68 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. अभी डीजल में एथेनॉल का मिश्रण नहीं किया जाता है.पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ कच्चे तेल पर आयात निर्भरता भी कम होती है. इस बात की जानकारी पुरी ने सोमवार को राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी.
10 साल में कितना एथेनॉल पेट्रोल में मिलाया गया
पुरी ने बताया कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 38 करोड़ लीटर था. यह सरकार की ओर से दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप ईसवाई 2023-24 में बढ़ कर 707 करोड़ लीटर हो गया. पुरी ने बताया कि चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान फरवरी 2025 के लिए सार्वनजिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 19.68 फीसदी एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है.उन्होंने बताया कि वर्तमान में डीजल में एथेनॉल का मिश्रण नहीं किया जाता है.
पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने के फायदे
पुरी ने बताया कि सरकार कई प्रयोजनों के साथ एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने बताया कि हरित ऊर्जा के रूप में एथेनॉल सरकार के पर्यावरण में सुधार संबंधी प्रयासों का समर्थन करती है. यह विदेशी मुद्रा की बचत करने के साथ कच्चे तेल पर आयात निर्भरता कम करती है. इससे घरेलू कृषि को बढ़ावा मिलता है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं