
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार कल से पूरे देश में लागू होने जा रहे हैं. ये सुधार स्वतंत्र भारत के सबसे क्रांतिकारी कर सुधारों में से एक हैं, जिनका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को सशक्त करना, उपभोक्ता का विश्वास बढ़ाना और देश की अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन डॉलर की दिशा में अग्रसर करना है. इन सुधारों से जहां देश के व्यापारी वर्ग को लाभ होगा, वहीं उपभोक्ताओं की बड़ी बचत भी होगी.
उपभोक्ताओं को सीधा लाभ
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद पहली बार करीब 400 वस्तुओं को 12 एवं 18 प्रतिशत के कर स्लैब से हटाकर 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाया गया है. वहीं 28 प्रतिशत के कर स्लैब को खत्म कर अधिकांश वस्तुओं को 18 प्रतिशत के कर स्लैब में लाया गया है. एक मोटे अनुमान के अनुसार इस साहसिक निर्णय से 15 से 20 प्रतिशत तक कीमतों में कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा तथा निश्चित तौर पर वस्तुओं का उपभोग भी बढ़ेगा, जिससे व्यापार में भी बड़ी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि कैट ने देशभर के सभी व्यापारी संगठनों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि कीमतों में हुई इस कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक अक्षरशः और भावनापूर्वक पहुंचे.
खंडेलवाल ने कहा कि इन सुधारों की प्रमुख विशेषताएं में “वन नेशन – वन टैक्स – वन सिम्प्लिसिटी”: रिटर्न दाखिल करना और अनुपालन अब और आसान, तेज़ और परेशानी-मुक्त होगा वहीं व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को टैक्स स्लैब में तार्किक बदलाव से व्यापारियों और नागरिकों दोनों को सीधा लाभ मिलेगा. डिजिटल भारत, पारदर्शी भारत की अवधारणा को बल मिलेगा क्योंकि तकनीक-आधारित प्रणाली भ्रष्टाचार कम करेगी, पारदर्शिता बढ़ाएगी और विश्वास कायम करेगी. वहीं लघु उद्योग,एमएसएमई, स्टार्टअप्स और छोटे दुकानदार के सबसे बड़े लाभार्थी होने के कारण आत्मनिर्भर भारत का प्रधानमंत्री मोदी का विज़न अधिक मजबूत होगा.
"ऐतिहासिक उपहार"
खंडेलवाल ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वे नए भारत की आर्थिक क्रांति के शिल्पकार हैं. 400 वस्तुओं को निम्न कर स्लैब में लाने जैसे ऐतिहासिक निर्णय सहित अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार, भारत की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होंगे. देशभर के व्यापारी इन सुधारों का स्वागत आर्थिक स्वतंत्रता के पर्व के रूप में कर रहे हैं.”
ये सुधार केवल प्रशासनिक परिवर्तन नहीं हैं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक उपहार हैं, जो व्यापार को आसान बनाएंगे, कीमतें घटाएंगे, अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेंगे और भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के और निकट ले जाएंगे.
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