पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसई) की नेटवर्थ वित्त वर्ष 2023 तक 82 प्रतिशत बढ़कर 17.33 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो कि 9 वर्ष पहले वित्त वर्ष 2014 में 9.5 लाख करोड़ रुपये थी.
सीआईआई के पीएसई समिट को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि उत्पाद शुल्क, करों और लाभांश के माध्यम से राष्ट्रीय खजाने में सीपीएसई का योगदान दोगुना से अधिक हो गया है, जो वित्त वर्ष 2014 में 2.20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 4.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
हरदीप पुरी ने आगे कहा कि इस दौरान सीपीएसई का मुनाफे में भारी उछाल दर्ज किया गया है. यह वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014 में 1.29 लाख करोड़ रुपये था. इसके अलावा समीक्षा अवधि में सभी 81 सूचीबद्ध पीएसई कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 225 प्रतिशत बढ़ा है.
केंद्रीय मंत्री ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक विजन की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें तीन प्रमुख सिद्धांतों, उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता, पर जोर दिया गया.
स्थिरता पर भारत के फोकस के एक उदाहरण के रूप में, हरदीप पुरी ने बायोएथनॉल मिश्रण में महत्वपूर्ण प्रगति के बारे में बताते हुए कहा, "एथनॉल मिश्रण 2014 में 1.53 प्रतिशत था, जो 2024 में 15 प्रतिशत तक बढ़ गया है. सरकार ने अब 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य तय किया है, जो निर्धारित समय से पांच साल पहले है."
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