सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सोमवार को इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के नजरिये से चौबीसों घंटे कारोबार चलने को लेकर आगाह करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर अबतक न तो किसी से आधिकारिक तौर पर सुना गया है और न ही कोई राय बनाई गई है. शेयर ब्रोकरों के एक नवगठित निकाय ने कहा कि फरवरी के अंत तक इस बारे में कोई अंतिम राय रखी जाएगी. यह कॉरपोरेट इंडस्ट्री के लिए एक सेल्फ रेगुलेटरी ऑरगेनाजेशन की तरह काम करेगा.
कारोबारी घंटे बढ़ाकर 24 घंटे करने की मांग पर बंटी इंडस्ट्री
मार्केट रेगुलेटर (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इंडस्ट्री स्टैंडर्ड फोरम को अंतिम रूप देने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कारोबारी घंटे बढ़ाने की मांग को लेकर कोई भी रेगुलेटर के पास नहीं आया है.ट्रेडिंग आवर बढ़ाने के बारे में अबतक मिली सीमित प्रतिक्रिया यही है कि इंडस्ट्री इस मुद्दे पर बंटी हुई है.
रेगुलेटर के रूप में SEBI का इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं: माधबी पुरी
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, निजी तौर पर मेरा और रेगुलेटर के रूप में सेबी का इस विषय पर कोई विचार नहीं है. हमने अबतक आधिकारिक तौर पर किसी से नहीं सुना है, एक रेगुलेटर के रूप में हमें बाजार और इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के स्थिति को देखने की जरूरत है. इसके साथ ही लंबे समय तक या चौबीसों घंटे के कारोबार से जुड़े जोखिम भी हैं.'
ब्रोकरेज फर्म इस सुझाव पर कायम
इसपर ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के प्रबंध निदेशक और नवगठित ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम के सह-प्रमुख नीरव गांधी ने कहा कि हम इस सुझाव पर कायम हैं और हम इसपर अगले महीने के अंत तक पुख्ता राय रखेंगे. ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम में उद्योग के 30 सदस्यों का प्रतिनिधित्व है. इनमें ब्रोकर, एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी जैसे बाजार ढांचा निर्माता शामिल हैं.
सेबी चीफ ने कहा कि इस निकाय के बनाए नियम सेबी की तरह कानूनी रूप से बाध्यकारी होंगे. उन्होंने कहा कि इन बदलावों के लिए सेबी अधिनियम में संशोधन की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें पहले से ही ऐसा प्रावधान है.
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