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IndiGo ने पायलटों को दिया नए साल का तोहफा! सैलरी और अलाउंस में बढ़ोतरी का किया ऐलान

IndiGo Pilot Salary Hike 2026: इंडिगो ने सैलरी के अलावा पायलटों को मिलने वाले कई अहम भत्तों में बढ़ोतरी की है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट नियम लागू हो चुके हैं.

IndiGo ने पायलटों को दिया नए साल का तोहफा! सैलरी और अलाउंस में बढ़ोतरी का किया ऐलान
IndiGo New Pay Structure: अब कैप्टन को हर नाइट घंटे के लिए 2000 रुपये और फर्स्ट ऑफिसर को 1000 रुपये मिलेंगे.
नई दिल्ली:

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने नए साल से पहले अपने पायलटों को बड़ी राहत दी है. हाल ही में फ्लाइट ऑपरेशन क्राइसिस और नए ड्यूटी नियमों के दबाव के बीच कंपनी ने पायलटों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव कर दिया है. इस बदलाव का सीधा फायदा पायलटों की टेक होम सैलरी बढ़ने के रूप में मिलेगा.

न्यू सैलरी  स्ट्रक्चर 1 जनवरी 2026 से लागू होगा और फरवरी 2026 से इसका पेमेंट सिस्टम में दिखना शुरू हो जाएगा. NDTV Profit को यह एक्सक्लूसिव जानकारी मिलीहै.

किन अलायंस में हुई बढ़ोतरी?

इंडिगो ने पायलटों को मिलने वाले कई अहम भत्तों में बढ़ोतरी की है. 

  • अब घरेलू रुकावट यानी लेओवर के दौरान कैप्टन को हर घंटे 3000 रुपये मिलेंगे, जो पहले 2000 रुपये थे. 
  • वहीं फर्स्ट ऑफिसर को अब 1500 रुपये प्रति घंटा मिलेंगे, जो पहले 1000 रुपये थे.
  • इसके अलावा अगर पायलट बिना उड़ान भरे सफर करता है यानी डेडहेड ड्यूटी करता है, तो कैप्टन को 4000 रुपये प्रति घंटा और फर्स्ट ऑफिसर को 2000 रुपये प्रति घंटा का भत्ता मिलेगा. पहले यह रकम इससे कम थी.

नाइट ड्यूटी का नया नियम

रात में उड़ान भरने वाले पायलटों के लिए भी अच्छी खबर है. पहले नाइट ड्यूटी का पैसा उड़ान घंटों के हिसाब से कैलकुलेट होता था. अब इसे आसान कर दिया गया है.अब कैप्टन को हर नाइट घंटे के लिए 2000 रुपये और फर्स्ट ऑफिसर को 1000 रुपये मिलेंगे. इससे नाइट शिफ्ट करने वाले पायलटों की कमाई और बेहतर होगी.

नया टेल स्वैप अलाउंस भी शुरू

इंडिगो ने पहली बार टेल स्वैप अलाउंस शुरू किया है. अगर ड्यूटी के दौरान किसी पायलट का तय विमान बदल दिया जाता है और रुकावट 90 मिनट से ज्यादा होती है, तो कैप्टन को 1500 रुपये और फर्स्ट ऑफिसर को 750 रुपये मिलेंगे. इससे ऑपरेशन में अचानक बदलाव का असर पायलटों पर कम पड़ेगा.

FDTL नियमों का भी असर

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट नियम लागू हो चुके हैं. इन नियमों के तहत अब पायलटों को हर हफ्ते 48 घंटे का आराम देना जरूरी है, जो पहले 36 घंटे था. साथ ही रात में लैंडिंग की सीमा भी पहले 6 से घटाकर 2 कर दी गई है. ये नियम 1 नवंबर से लागू हो चुके हैं.

पायलटों की कमी से निपटने की तैयारी

नए नियमों की वजह से इंडिगो पर दबाव बढ़ा था और अक्टूबर की शुरुआत में कंपनी को बड़े ऑपरेशनल संकट का सामना करना पड़ा था. चूंकि इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 63 प्रतिशत से ज्यादा है, इसलिए इसका असर पूरे एविएशन सेक्टर पर पड़ा.

इसी को देखते हुए कंपनी अब फरवरी तक 158 नए पायलट भर्ती करने की योजना पर काम कर रही है. 2026 के अंत तक यह संख्या करीब 900 नए पायलटों तक पहुंच सकती है.

पायलटों की बेहतर सैलरी और आराम का सीधा असर यात्रियों पर भी पड़ेगा. इससे उड़ानों में देरी, कैंसिलेशन और आखिरी समय की परेशानी कम होने की उम्मीद है. इंडिगो का यह कदम न सिर्फ अपने पायलटों को साथ रखने की कोशिश है, बल्कि पूरे एविएशन सिस्टम को स्थिर करने की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है.

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