अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार, मजबूत आधार और राजनीतिक स्थिरता के कारण भारतीय शेयर बाजार ने 2024 में अब तक सकारात्मक रिटर्न दिया है. यह लगातार नौवां वर्ष है, जब घरेलू बाजार तेजी देखी गई है.स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 भारतीय इक्विटी और बॉन्ड के लिए दो अलग-अलग हिस्सों का साल रहा. पहली छमाही में मजबूत आर्थिक गतिविधि और कॉर्पोरेट आय के समर्थन से मजबूत वृद्धि देखी गई, जबकि दूसरी छमाही में कंसोलिडेशन के बीच अस्थिरता देखने को मिली.
उतार-चढ़ाव के बीच भी भारतीय शेयर बाजार सकारात्मक रिटर्न देने में कामयाब रहा है. इस दौरान निफ्टी में 9.21 प्रतिशत और सेंसेक्स में 8.62 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
1990 के बाद से भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश लगभग 95 गुना बढ़ा
इससे पहले मोतीलाल ओसवाल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले 35 वर्षों में भारतीय इक्विटी ने अमेरिकी बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया है. इसकी वजह भारतीय शेयर बाजारों में निवेश बढ़ना है. 1990 के बाद से भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश लगभग 95 गुना बढ़ा है.
गोल्ड ने दिया 32 गुना रिटर्न
हालांकि, इस दौरान गोल्ड के द्वारा भी 32 गुना का रिटर्न दिया गया है.मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में कमजोर आय प्रदर्शन के बाद ग्रामीण खर्च में वृद्धि, शादियों के सीजन एवं सरकारी खर्च में तेजी के कारण दूसरी छमाही में आय में सुधार की उम्मीद है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉर्पोरेट इंडिया की बैलेंस शीट की मजबूती और विकास की संभावनाओं को देखते हुए हम दीर्घकालिक रुझान को लेकर आशावादी बने हुए हैं.
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