देश का वस्तु निर्यात अक्टूबर में 17.25 प्रतिशत बढ़कर 39.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. प्रतिशत के लिहाज से देखें तो यह दो साल में निर्यात के आंकड़े में सबसे बड़ा उछाल है. एक साल पहले इसी महीने में निर्यात 33.43 अरब डॉलर था. आलोच्य महीने में व्यापार घाटा 27.14 अरब डॉलर रहा. बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में देश का आयात भी 3.9 प्रतिशत बढ़कर 66.34 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी माह में 63.86 अरब डॉलर था. मुख्य रूप से कच्चे तेल के आयात में 13.34 प्रतिशत की वृद्धि से कुल आयात बढ़ा है.
व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच अंतर आलोच्य महीने में 27.14 अरब डॉलर रहा. यह पिछले साल इसी महीने में 30.42 अरब डॉलर के मुकाबले कम है. हालांकि, यह इस साल सितंबर महीने के 20.78 अरब डॉलर से अधिक है. इससे पहले, देश के वस्तु निर्यात में जून, 2022 में 30.12 प्रतिशत का उछाल आया था.
देश का वस्तु निर्यात सितंबर महीने में मामूली 0.5 प्रतिशत बढ़कर 34.85 अरब डॉलर रहा था.
आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान देश का निर्यात 3.18 प्रतिशत बढ़कर 252.28 अरब डॉलर और आयात 5.77 प्रतिशत बढ़कर 416.93 अरब डॉलर रहा है. इस अवधि में व्यापार घाटा 164.65 अरब डॉलर रहा जो बीते वर्ष 2023 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 149.67 अरब डॉलर था.
आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सेवा निर्यात लगभग 215.98 अरब डॉलर का रहा जो पिछले साल की इसी अवधि में 191.97 अरब डॉलर था. इसी अवधि में आयात 114.57 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले अप्रैल-अक्टूबर में 102.32 अरब डॉलर था.
अक्टूबर में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 18.2 अरब डॉलर रहा. पिछले साल के इसी महीने में यह 16.1 अरब डॉलर था.
वहीं, समीक्षाधीन महीने के दौरान सोने और चांदी का आयात थोड़ा कम होकर क्रमशः 7.13 अरब डॉलर और 0.33 अरब डॉलर रहा. अक्टूबर, 2023 में यह क्रमशः 7.23 अरब डॉलर और 1.31 अरब डॉलर था.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, ‘‘यह निर्यात के लिए काफी अच्छा महीना रहा है...अगर यह गति बनी रही, हम इस साल 800 अरब डॉलर के निर्यात (वस्तु और सेवा) के आंकड़े को पार कर जाएंगे.''
उन्होंने कहा कि छह क्षेत्रों... इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, रसायन, प्लास्टिक और कृषि... के साथ-साथ 20 देशों पर ध्यान केंद्रित करने की सरकार की रणनीति सकारात्मक परिणाम दे रही है.
इन 20 देशों की कुल वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है और इन छह खंडों की वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 67 प्रतिशत है.
वाणिज्य मंत्रालय ने बाजार पहुंच पहल, ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने, गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने और व्यापार संवर्धन कार्यक्रम आयोजित करने के माध्यम से इन देशों में आर्थिक पैठ बढ़ाने को कदम उठाया है.
बर्थवाल ने यह भी कहा कि वे निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ बैठकें कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम इन इन देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रणनीति बना रहे हैं और मुझे भरोसा है कि इस रणनीति से हमें इस साल के अंत तक बेहतर परिणाम मिलेगा.''
अक्टूबर में निर्यात में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज करने का एक कारण क्रिसमस मांग का बेहतर होना हो सकता है.
निर्यातकों के शीर्षक संगठन फियो (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच वस्तु निर्यात में दहाई अंक की वृद्धि निश्चित रूप से उत्साहजनक संकेत है.
उन्होंने कहा कि हालांकि इजराइल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में लगातार लॉजिस्टिक चुनौतियां बनी हुई हैं. इसका कारण यूरोप, अफ्रीका, सीआईएस और खाड़ी क्षेत्र में हमारा अधिकांश व्यापार लाल सागर मार्ग या खाड़ी क्षेत्र के जरिये हो रहा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं