- अमेरिका के टैरिफ लगाने के बावजूद भारत के निर्यात में वृद्धि हुई और अमेरिकी बाजार में उत्पादों की मांग बढ़ी है.
- सरकार ने संसदीय समिति को बताया कि भारत पर अमेरिका के टैरिफ का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा.
- संसदीय समिति ने सरकार को सलाह दी कि अमेरिका से कृषि उत्पादों के आयात में किसानों के हितों को प्राथमिकता दें.
अमेरिका के टैरिफ लगाने का भारत पर कोई असर नहीं पड़ा है. टैरिफ के बाद भी भारत के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है, अमेरिका में भाररतीय प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ी है, सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति को ये जानकारी वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने दी. दरअसल संसदीय समिति की बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों, टैरिफ बढ़ोतरी और उससे पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की गई थी. दो घंटे तक चली इस बैठक का मुख्य एजेंडा भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों का मूल्यांकन था.
ये भी पढे़ं- आसमान से दिखेंगे दिल्ली के रंगीन नजारे, जानें कब से शुरू होगी हॉट एयर बैलून राइड, ये हैं टिकट के दाम
टैरिफ के बावजूद बढ़ा भारत का निर्यात
सरकार ने संसदीय समिति को बताया कि अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत का निर्यात बढ़ा है. भारत अमेरिका व्यापार समझौते पर संसदीय समिति ने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि अमेरिका से कृषि उत्पादों के आयात पर किसानों के हितों का ध्यान रखा जाए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी पूछा कि ट्रंप टैरिफ़ का फ़ार्मा, टेक्सटाइल्स, जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर पर क्या असर पड़ा है.
भारतीय बाज़ार का आकार काफ़ी बढ़ा है
वाणिज्य मंत्रालय की संसदीय समिति को सरकार ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल-अक्टूबर में भारत के निर्यात में वृद्धि हुई है. भारतीय निर्यात की तुलना में भारतीय बाज़ार का आकार काफ़ी बढ़ा है. भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए खपत बढ़ना ज़रूरी है. बता दें कि संसदीय समिति की बैठक में वाणिज्य सचिव पेश हुए थे. समिति के सदस्यों ने पूछा कि जब अमेरिका भारत का दोस्त है तो टैरिफ़ क्यों लगाया
अधिक उत्पादन के बाद भी जूट उद्योग प्रभावित क्यों?
डॉलर के मुक़ाबले रुपए की गिरती क़ीमत पर भी समिति के सदस्यों ने पूछा कि इसके लिए सरकार क्या कर रही है. लेवल प्लेयिंग फ़ील्ड न होने की व्यापारियों की शिकायत का मुद्दा भी इस दौरान उठाया गया. सदस्यों ने यह भी पूछा कि जब भारत में अधिक उत्पादन हो रहा है, इसके बावजूद टेक्सटाइल्स और जूट उद्योग प्रभावित क्यों हो रहा है. बता दें कि समिति की अगली बैठक 16 दिसंबर को होगी. अगली बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर विदेश मंत्रालय का पक्ष सुना जाएगा. आने वाले समय में इसी मुद्दे पर टेक्सटाइल्स और कृषि मंत्रालयों और विभिन्न उद्योग संगठनों की राय भी सुनी जाएगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं